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विदाई - संभाषण

Question
CBSEENHN11012015

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये:- 
“अभागे भारत! मैंने तुझसे सब प्रकार का लाभ उठाया और तेरी बदौलत वह शान देखी, जो इस जीवन में असंभव है। तूने मेरा कुछ नहीं बिगाड़ा; पर मैंने तेरे बिगाड़ने में कुछ कमी न की। संसार के सबसे पुराने देश! जब तक मेरे हाथ में शक्ति थी, तेरी भलाई की इच्छा मेरे जी में न थी। अब कुछ शक्ति नहीं है, बो तेरे लिए कुछ कर सकूं। पर आशीर्वाद करता हूँ कि तू फिर उठे और अपने प्राचीन गौरव और यश का फिर से लाभ करे। मेरे बाद आने वाले तेरे गौरव को समझें।” आप कर सकते हैं और यह देश आपकी पिछली सब बातें मूल सकता है, पर इतनी उदारता माइ लॉर्ड में कहाँ?
1. गद्याशं के प्रारंभिक वाक्यों में क्या व्यंग किया गया है?
2. कौन क्या आशीर्वाद करता है?
3. अंतिम वाक्य से किसके चरित्र पर क्या प्रकाश पड़ता है?

Solution

1. गद्यांश के प्रारंभिक वाक्यों में यह व्यंग्य किया गया है कि लॉर्ड कर्जन ने भारत से सभी प्रकार का लाभ उठाया। इसी देश की बदौलत उसकी शान ऊँची हुई। इसके बावजूद लॉर्ड कर्जन ने भारत का बुरा करने में अपनी ओर से कोई कसर नहीं छोड़ी। यद्यपि यह देश अत्यंत प्राचीन है, पर लॉर्ड कर्जन ने कभी भी अपने मन में इसकी भलाई की बात नहीं सोची। अंत में उसके हाथों से शक्ति निकल गई।
2. लेखक अपनी ओर से कहता है कि यदि लॉर्ड कर्जन जाते समय भी इस देश को यह आशीर्वाद देता जाता है कि जिस देश को उसने पतन की ओर बढ़ाया, वह आने वाले दिनों में फिर ऊपर उठे और अपने प्राचीन गौरव को पुन: प्राप्त करे। कर्जन के बाद आने वाले लॉर्ड इस देश के गौरव की कद्र करें। पर यह हो न सका।
3. अंतिम वाक्य से लॉर्ड कर्जन के व्यक्तित्व पर यह प्रकाश पड़ता है कि वह एक जिद्दी किस्म का व्यक्ति था। यह सदा भारत का अहित सोचता और करता रहा। उसे अंतिम समय में भी अपने बुरे कामों के लिए पछतावा नहीं था। उसमें उदारता नाम की कोई चीज थी ही नहीं।

Some More Questions From विदाई - संभाषण Chapter

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये:- 
“अभागे भारत! मैंने तुझसे सब प्रकार का लाभ उठाया और तेरी बदौलत वह शान देखी, जो इस जीवन में असंभव है। तूने मेरा कुछ नहीं बिगाड़ा; पर मैंने तेरे बिगाड़ने में कुछ कमी न की। संसार के सबसे पुराने देश! जब तक मेरे हाथ में शक्ति थी, तेरी भलाई की इच्छा मेरे जी में न थी। अब कुछ शक्ति नहीं है, बो तेरे लिए कुछ कर सकूं। पर आशीर्वाद करता हूँ कि तू फिर उठे और अपने प्राचीन गौरव और यश का फिर से लाभ करे। मेरे बाद आने वाले तेरे गौरव को समझें।” आप कर सकते हैं और यह देश आपकी पिछली सब बातें मूल सकता है, पर इतनी उदारता माइ लॉर्ड में कहाँ?
1. गद्याशं के प्रारंभिक वाक्यों में क्या व्यंग किया गया है?
2. कौन क्या आशीर्वाद करता है?
3. अंतिम वाक्य से किसके चरित्र पर क्या प्रकाश पड़ता है?

शिवशंभु की दो गायों की कहानी के माध्यम से लेखक क्या कहना चाहता है?

आठ करोड़ प्रजा के गिड़गिड़ाकर विच्छेद न करने की प्रार्थना पर आपने जरा भी ध्यान नहीं दिया-यहां किस ऐतिहासिक घटना की ओर संकेत किया गया है?

कर्जन को इस्तीफा क्यों देना पड़ गया?

बिचारिए तो, क्या शान आपकी इस देश में थी और क्या हो गई! कितने ऊँचे होकर आप कितने नीचे गिरे! - आशय स्पष्ट कीजिए।

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इस पाठ में आए अलिफ़ लैला, अलहदीन, अबुल हसन और बगदाद के खलीफा के बारे में सूचना एकत्रित कर कक्षा में चर्चा कीजिए।