पाठ का यह अंश ‘शिवशंभु के चिट्ठे’ से लिया गया है। शिवशंभु नाम की चर्चा पाठ में भी हुई है। बालमुकुंद गुप्त ने इस नाम का उपयोग क्यों किया होगा?
बालमुकुंद गुप्त के समय में प्रेस की स्वाधीनता पर प्रतिबंध लगा हुआ था। भारत के लोग खुलेआम अपने नाम से ब्रिटिश सरकार और उसके अधिकारियों का विरोध नहीं कर पाते थे। बालमुकुंद गुप्त ने इसकी यह युक्ति निकाली कि वे शिवशंभु के चिट्ठे शीर्षक से अपनी बात जनता तक तथा ब्रिटिश अफसरों तक पहुचाएँ। इससे वे स्वयं सीधी कार्यवाही से बच जाते होंगे। इसीलिए उन्होंने इस नाम का उपयोग किया होगा।