स्त्री के चरित्र की बनी बनाई धारणा से रजनी का चेहरा किन मायनों में अलग है?
स्त्री के चरित्र की बनी बनाई धारणा यह है कि वह सहनशील होती है। वह हर बात को सह जाती है। वह अपने प्रति किए गए अन्याय का विरोध नहीं करती।
रजनी का चेहरा कई मायनों में अलग है। यद्यपि उसके अपने साथ कोई अन्याय नहीं हुआ,फिर भी समाज-सेवा की दृष्टि से अन्याय का सशक्त ढंग से विरोध करती है। उसमें संगठन शक्ति है। वह पति को भी खरी-खरी सुनाने से नहीं चूकती। वह उच्च अधिकारियों को भी व्यंग्य भरी भाषा में खींचती है।