गलती करने वाला तो है ही गुनहगार, पर उसे बर्दाश्त करने वाला भी कम गुनहगार नहीं होता-इस संवाद के संदर्भ में आप सबसे ज्यादा किसे और क्यों गुनहगार मानते हैं?
इस संवाद के संदर्भ में हम गलती को बर्दाश्त करने वाले को ज्यादा गुनहगार मानते हैं, क्योंकि गलती का विरोध करने पर ही गुनहगार को अपनी गलती का अहसास होता है। कई बार गलती करने वाला अपने गुनाह की भयंकरता को समझ भी नहीं पाता, अत: विरोध करना आवश्यक है। हमें अन्याय को बिकुल बर्दाश्त नहीं करना चाहिए।