जब किसी का बच्चा कमजोर होता है, तभी उसके मां-बाप ट्यूशन लगवाते हैं। अगर लगे कि कोई टीचर लूट रहा है, तो उस टीचर से न ले ट्यूशन, किसी और के पास चले जाएँ...यह कोई मजबूरी तो है नहीं-प्रसंग का उल्लेख करते हुए बताएँ कि यह संवाद आपको किस सीमा तक सही या गलत लगता है तर्क दीजिए।
जब रजनी डायरेक्टर ऑफ एजूकेशन के पास प्राइवेट ट्यूशन की समस्या लेकर जाती है और वह उनसे पूछती है कि इस मामले में उनका बोर्ड क्या कर रहा है? निदेशक (डायरेक्टर) महोदय इस समस्या को गंभीरता से नहीं लेते और बड़े सहज भाव से लेते हुए उपर्युक्त उत्तर देते हैं। उनके विचार में ट्यूशन के काम में कुछ भी अनुचित प्रतीत नहीं होता।
हमें निदेशक महोदय का यह उत्तर बिल्कुल गलत लगता है। यह उत्तर तो चालू किस्म का प्रतीत होता है। उन्हें ट्यूशन को एक बीमारी मानकर तुरंत इस पर एक्शन लेने की बात कहनी चाहिए थी। ऐसा कहना तो ट्यूशन की प्रवृत्ति को बढ़ावा देने वाली बात हुई, जिसे उचित नहीं कहा जा सकता।