Question
निम्नलिखित काव्यांशों को पढ़कर उसका शिल्प सौन्दर्य लिखिए।
तू न थकेगा कभी!
तू न थमेगा कभी!
तू न मुड़ेगा कभी!-कर शपथ, कर शपथ कर शपथ!
अग्नि पथ! अग्नि पथ! अग्नि पथ!
Solution
शिल्प सौन्दर्य
1. मनुष्यों को संसार की कठिनाईयों से जूझने की प्रेरणा दी गई।
2. खड़ी बोली का प्रयोग किया गया है।
3. भाषा में लयात्मकता व गीतात्मकता है।
4. भाषा सरल, सरस व रोचक है।
5. भावात्मक व संबोधनात्मक शैली का प्रयोग किया गया है।
6. शब्दों की आवृत्ति में ध्वन्यात्मक सौन्दर्य निहित है।
7. ‘कर-शपथ, कर शपथ’ में अनुप्रास व पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार का प्रयोग हुआ है।