Question
निम्नलिखित काव्यांशों को पढ़कर उसका शिल्प सौन्दर्य लिखिए:
अग्नि पथ! अग्नि पथ! अग्नि पथ!
वृक्ष हां भले खड़े,
हों घने, हों बड़े,
एक पत्र-छाँह भी माँग मत, माँग मत माँग मत!
अग्नि पथ! अग्नि पथ! अग्नि पथ!
Solution
शिल्प सौन्दर्य:
1. मनुष्य से दु:खों को सहन करने व चुनौतियों का सामना करने का आग्रह किया गया है।
2. खड़ी बोली का प्रयोग किया गया है।
3. भाषा में लयात्मकता व गीतात्मकता है।
4. भाषा सरल, सरस व रोचक है।
5. भावात्मक शैली का प्रयोग हुआ है।
6. साथ-साथ संबोधनात्मक शैली का भी प्रयोग हुआ है।
7. शब्दों की आवृत्ति में ध्वन्यात्मक सौन्दर्य निहित है।
8. माँग मत, माँग मत, मांग मत में अनुप्रास व पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार है।