Question
निम्नलिखित काव्यांशों को पढ़कर भाव पक्ष लिखिए:
तू न थकेगा कभी!
तू न थमेगा कभी!
तू न मुड़ेगा कभी!-कर शपथ, कर शपथ कर शपथ!
अग्नि पथ! अग्नि पथ! अग्नि पथ!
Solution
भाव पक्ष- कवि संघर्षमय जीवन को अग्नि पर चलने के समान पथ मान रहे हैं। व्यक्ति को कर्मठतापूर्वक आगे बढ़ने का संदेश देते हुए कवि कहते हैं कि हे मनुष्य! तेरे सामने कठिनाइयों से भरा संसार है परन्तु तू इससे घबरा मत! तुम जीवन रूपी रास्ते पर आगे बढ़ते हुए कहीं पिछे मुड़कर नहीं देखोगे; थकोगे नहीं और कभी भी रास्ते में नहीं रूकोगे। तुम शपथ लो कि तुम मार्ग पर निरंतर चलते रहोंगे क्योंकि रास्ता अग्नि रूपी कठिनाईयों से भरा है।