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धूल - रामविलास शर्मा

Question
CBSEENHN9000428

लेखक ने धूल की महिमा का बखान करने के लिए कौन-कौन से रूपक बाँधे है?

Solution

लेखक ने धूल की महिमा का बखान करने के लिए निम्नलिखित रूपक बाँधे हैं:
- अमराइयों के पीछे छिपे सूर्य की किरणों मे आलोकित धूलि सोने को मिट्‌टी कर देती है।
- सूर्यास्त के उपरांत लीक पर गाड़ी के निकल जाने के बाद जो रूई के बादल की तरह या ऐरावत हाथी के नक्षत्र-पथ की भाँति जहाँ की तहाँ स्थिर रह जाती है।
- चाँदनी रात में मेले जाने वाली गाड़ियों के पीछे जो कवि की कल्पना की भांति उड़ती चलती है।
- जो शिशु के मुँह पर फूल की पंखुड़ियों पर साकार सौन्दर्य बनकर छा जाती हैं

Some More Questions From धूल - रामविलास शर्मा Chapter

(क) निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30) शब्दों में लिखिए:
हमारी सभ्यता धूल से क्यों बचना चाहती है?

(क) निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30) शब्दों में लिखिए:
अखाड़े की मिट्‌टी की क्या विशेषता होती है?

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30) शब्दों में लिखिए-
श्रद्धा, भक्ति, स्नेह की व्यंजना के लिए धूल सर्वोत्तम साधन किस प्रकार है?

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30) शब्दों में लिखिए-
इस पाठ में लेखक ने नगरीय सभ्यता पर क्या व्यंग्य किया है?

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
लेखक ‘बालकृष्ण’ के मुँह पर छाई गोधूलि को क्यों श्रेष्ठ मानता है?

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
लेखक ने धूल और मिट्‌टी में क्या अतंर बताया है?

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
ग्रामीण परिवेश में प्रकृति धूल के कौन-कौन से सुदंर चित्र प्रस्तुत करती है?


(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
‘हीरा वही घन चोट न टूटे' -का सदंर्भ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
धूल, धूलि, धूली, धूरि और गोधूलि की व्यंजनाओं को स्पष्ट कीजिए।

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
‘धूल’ पाठ का मूल भाव स्पष्ट कीजिए।