Question
(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
‘धूल’ पाठ का मूल भाव स्पष्ट कीजिए।
Solution
‘धूल’ पाठ में लेखक ने धूल की महिमा, माहात्म्य व उपलब्धता व उपयोगिता का वर्णन किया है। इस पाठ के माध्यम से लेखक ने मजदूर किसानों के महत्त्व को स्पष्ट किया है। उनका मानना है कि धूल से सना व्यक्ति घृणा अथवा उपेक्षा का पात्र नहीं होता बल्कि धूल तो परिश्रमी व्यक्ति का परिधान है। धूल से सना शिशु ‘धूलि भरा हीरा’ कहलाता है। आधुनिक सभ्यता में पले लोग धूले से घृणा करते हैं। वे यह नहीं जानते कि धूल अथवा मिट्टी ही जीवन का सार है। मिट्टी में ही सब पदार्थ उत्पन्न होते हैं। इसलिए सती मिट्टी का सिर से. सिपाही आँखों से तथा आम नागरिक स्नेह से स्पर्श करता है। अत: लेखक ने देशप्रेम और संस्कृति की प्रतीक धूल को विभिन्न सूक्तियों, लोकोक्तियों तथा उदाहरणों के माध्यम से प्रतिपादित किया है।