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धूल - रामविलास शर्मा

Question
CBSEENHN9000427

गोधूलि गाँव में ही क्यों होती है?

Solution
गोधूलि गाँव की संपत्ति है क्योंकि गाँव के कच्चे रास्तों पर संध्या के समय जब ग्वाले अपनी गायों को चराकर लौटते हैं तो अपने तथा गायों के पैरों से उड़ने वाली धूल अस्त होते हुए सूर्य की सुनहली किरणों में रंगकर स्वर्णमयी हो जाती है। इसी धूल को गोधूलि कहते है। इसके विपरीत शहर की पक्की सड़कों पर यह दृश्य दिखाई नहीं देता। इसलिए गोधूलि गाँव की ही संपत्ति है।

Some More Questions From धूल - रामविलास शर्मा Chapter

(क) निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30) शब्दों में लिखिए:
धूल के बिना किसी शिशु की कल्पना क्यों नहीं की जा सकती?


(क) निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30) शब्दों में लिखिए:
हमारी सभ्यता धूल से क्यों बचना चाहती है?

(क) निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30) शब्दों में लिखिए:
अखाड़े की मिट्‌टी की क्या विशेषता होती है?

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30) शब्दों में लिखिए-
श्रद्धा, भक्ति, स्नेह की व्यंजना के लिए धूल सर्वोत्तम साधन किस प्रकार है?

(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30) शब्दों में लिखिए-
इस पाठ में लेखक ने नगरीय सभ्यता पर क्या व्यंग्य किया है?

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
लेखक ‘बालकृष्ण’ के मुँह पर छाई गोधूलि को क्यों श्रेष्ठ मानता है?

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
लेखक ने धूल और मिट्‌टी में क्या अतंर बताया है?

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
ग्रामीण परिवेश में प्रकृति धूल के कौन-कौन से सुदंर चित्र प्रस्तुत करती है?


(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
‘हीरा वही घन चोट न टूटे' -का सदंर्भ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
धूल, धूलि, धूली, धूरि और गोधूलि की व्यंजनाओं को स्पष्ट कीजिए।