स्पर्श भाग १ Chapter 11 आदमीनामा - नज़ीर अकबराबादी
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    NCERT Solution For Class 9 About 2.html स्पर्श भाग १

    आदमीनामा - नज़ीर अकबराबादी Here is the CBSE About 2.html Chapter 11 for Class 9 students. Summary and detailed explanation of the lesson, including the definitions of difficult words. All of the exercises and questions and answers from the lesson's back end have been completed. NCERT Solutions for Class 9 About 2.html आदमीनामा - नज़ीर अकबराबादी Chapter 11 NCERT Solutions for Class 9 About 2.html आदमीनामा - नज़ीर अकबराबादी Chapter 11 The following is a summary in Hindi and English for the academic year 2021-2022. You can save these solutions to your computer or use the Class 9 About 2.html.

    Question 1
    CBSEENHN9000798

    निम्नलिखत प्रशनों के उत्तर दीजिए-
    पहले छदं में कवि की दृष्टि आदमी के किन-किन रूपों का बखान करती है? क्रम से लिखिए।

    Solution

    पहले छंद में कवि की दृष्टि मानव के निम्नलिखित रूपों का बखान करती है:
    बादशाह, गरीब व दरिद्र, मालदार, एकदम कमजोर मनुष्य का, स्वादिष्ट भोजन करने वाले का, सूखी रोटियाँ चबाने वाले मनुष्य का।

    Question 2
    CBSEENHN9000799

    निम्नलिखत प्रशनों के उत्तर दीजिए-
    चारों छदं में कवि ने आदमी के सकारात्मक और नकारात्मक रूपों को परस्पर किन-किन रूपों में रखा है? अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए।

    Solution

    कवि ने आदमी के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों रूपों का तुलनात्मक प्रस्तुतीकरण किया है वे रूप इस प्रकार हैं:
    सकारात्मक                         नकारात्मक
    बादशाह                            दीन-दरिद्र
    मालदार                             कमज़ोर
    स्वादिष्ट भोजन खाता इन्सान       सूखी रोटियाँ खाता इन्सान
    चोर पर निगाह करने वाला         जूतियाँ चुराने वाला
    जान न्यौछावर करने वाला          जान लेने वाला
    सहायता करने वाला                अपमान करने वाला
    शरीफ़ लोग                         कमीने लोग
    अच्छे लोग                           बुरे लोग।

    Question 3
    CBSEENHN9000800

    निम्नलिखत प्रशनों के उत्तर दीजिए-
    ‘आदमी नामा’ शीर्षक कविता के इन अंशों को पढ़कर आपके मन में मनुष्य के प्रति क्या धारणा बनती हैं?

    Solution
    ‘आदमी नामा’ शीर्षक कविता को पढ़कर’ हमारे मन में मनुष्य के प्रति यही छवि बनती है कि संसार में अनेक प्रकार के अच्छे व बुरे दोनों तरह के कार्य करने वाले होते हैं। मनुष्य परिस्थितियों और भाग्य का दास होता है। उसकी परिस्थितियाँ ही उसे बादशाह बनाती हैं या फकीर बना देती हैं। मनुष्य शैतान भी है और फरिश्ते भी, धनी भी और निर्धन भी, अच्छे भी और बुरे भी; साधु भी और चोर भी, गुरू भी, शिष्य भी, कुर्बानी देने वाले भी और कुर्बानी लेने वाला मनुष्य भी इस संसार में है। मनुष्यों की इस विषमता के कारण ही संसार में पाप भी है और पुण्य भी। धर्म भी है और अधर्म भी।
    Question 4
    CBSEENHN9000801

    निम्नलिखत प्रशनों के उत्तर दीजिए-
    इस कविता का कौन-सा भाग आपको सबसे अच्छा लगा और क्यों?

    Solution

    इस कविता की निम्नलिखित पंक्तियाँ मुझे अच्छी लगी हैं
    ‘अच्छा भी आदमी ही कहाता है ए नजीर
    और सबमें जो बुरा है सो है वो भी आदमीं’
    यह पंक्तियाँ मुझे इसलिए अच्छी लगी हैं क्योंकि इन पंक्तियों से यह प्रेरणा मिलती है कि हमें सद्‌गुणों को अपना कर अच्छा आदमी बनना है। हमें बुराईयों का त्याग कर देना चाहिए। बुराइयाँ व्यक्ति को बुरा आदमी बना जाती है। समाज में अच्छे आदमी का ही आदर होता है, बुरे का नहीं।

    Question 5
    CBSEENHN9000802

    निम्नलिखत प्रशनों के उत्तर दीजिए-
    आदमी की प्रवृत्तियों का उल्लेख कीजिए।

    Solution
    प्रत्येक आदमी में विभिन्न प्रवृत्तियाँ होती हैं। आदमी स्वभाव से अच्छा भी है और बुरा भी है। वह दूसरों के दु:खों का कारण है तो वही उन दु:खों का निवारण करने वाला भी है। आदमी ही आदमी पर शासन करता है; आदेश देता है और मनचाहे ढंग से परेशान करता है। आदमी दीन-हीन है और आदमी संपन्न भी है। कोई कुर्बानी देने में विश्वास रखता है कोई दूसरों के लिए अपना सर्वस्व समर्पित करने को तत्पर रहता है तो कोई दूसरें की जान लेने में विश्वास रखता है।
    Question 6
    CBSEENHN9000803

    निम्नलिखत अंशों की व्याख्या कीजिए-
    दुनिया में बादशाह है सो है वह भी आदमी
    और मुफ़लिस—ओ—गदा है सी है वो भी आदमी

    Solution
    प्रस्तुत पंक्तियों में आदमी के महत्व के विषय में बतलाया है कि इस संसार में आदमी की अहमियत है। वह जो भी कार्य करता है उसे करने वाला आदमी ही है। वह ही राजा है और वह ही फ़कीर है। आदमी के दोनों रूपों का वर्णन किया है। आदमी अपनी मर्जी का स्वयं मालिक होता है। कभी फ़कीर बनकर हाथ फैलाता है तो कभी हाथ बढ़ाकर बादशाह के रूप में दूसरों को देता है।
    Question 7
    CBSEENHN9000804

    निम्नलिखत अंशों की व्याख्या कीजिए-
    अशराफ़ और कमीने से ले शाह ता वज़ीर
    ये आदमी ही करते हैं सब कारे दिलपज़ीर

    Solution
    प्रस्तुत पंक्तियों में कवि कहता है कि आदमी ही सज्जन और नीच होता है। राजा से मंत्री तक सभी आदमी ही होता है। आदमी ही ऐसे कार्य करता है जो सबके दिल को लुभाने वाले होते है। इस संसार में आदमी ही शिष्य होता है तो दूसरा आदमी उसका गुरू होता है कवि कहते हैं कि संसार में अच्छा भी आदमी होता है और संसार में जो सबसे बुरा होता है वह भी आदमी ही होता है।
    Question 8
    CBSEENHN9000805

    निम्नलिखित में अभिव्यक्त व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए-
    पढ़ते हैं आदमी ही कुरआन और नमाज़ यां
    और आदमी ही उनकी चुराते हैं जूतियाँ
    जो उनकी ताड़ता है सो है वो भी आदमी

    Solution
    उपर्युक्त छंद में कवि ने यह व्यंग्य किया है कि इस संसार में जहाँ एक ओर तो कुछ लोग मस्जिद में कुरान शरीफ़ पढ़ने और नमाज़ अदा करने जाते हैं पर उनमें से कुछ ऐसे आदमी भी होते हैं, जो वहाँ आने वालों की जूतियाँ चुराते हैं। उन जूता चोरों पर नजर रखने वाले भी आदमी ही होते हैं। जूता चोरों और उन पर नज़र रखने वालों का ध्यान परमात्मा की ओर नहीं बल्कि अपने- अपने शिकार पर होता है।
    Question 9
    CBSEENHN9000806

    निम्नलिखित में अभिव्यक्त व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए-
    पगड़ी भी आदमी की उतारे है आदमी
    चिल्ला के आदमी को पुकारे है आदमी
    और सुनके दौड़ता है सो है वो भी आदमी।

    Solution
    कवि ने व्यंग्यात्मक स्वर में कहा है कि आदमी दूसरे को अपमानित करने से भी नहीं चूकता तो दूसरी ओर एक पुकारता है तो दूसरा दौड़ा उसकी सहायता को चला आता है। आदमी ही दूसरों का सम्मान करता है और दूसरों का अपमान करने वाला भी आदमी ही है।
    Question 11
    CBSEENHN9000808

    निम्नलिखित मुहावरों का प्रयोग वाक्य में कीजिए-
    (क) टुकड़े चबाना
    (ख) पगड़ी उतारना
    (ग) मुरीद होना
    (घ) जान वारना
    (ङ) तेग मारना

    Solution

    (क) टुकड़े चबाना- कब तक तुम भाई के टुकड़े चबाते रहोगे, कुछ काम क्यों नहीं करते।
    (ख) पगड़ी उतारना- भरी सभा में मंत्री जी ने सेठ हीरामल की कंजूसी का वर्णन करते हुए उनकी पगड़ी ही उतार दी।
    (ग) मुरीद होना- इन दिनों क्रिकेट के दीवाने सचिन तेंदुलकर के मुरीद हो गए हैं।
    (घ) जान वारना- देश की आज़ादी के लिए असंख्य वीरों ने अपनी जान वार दी।
    (ड) तेग मारना- मोहन ने भागते हुए चोर को तेग मारकर घायल कर दिया।

     
    Question 12
    CBSEENHN9000809

    कवि ने कविता में ‘आदमी’ शब्द की पुनरावृत्ति किस उद्देश्य से की है?

     

    Solution
    ‘आदमी’ शब्द की पुनरावृत्ति करने के पीछे कवि का यह उद्देश्य है कि संसार का सारा कार्य-व्यापार आदमी के सहारे से ही चल रहा है। समाज में घटित होने वाले अच्छे-बुरे सभी प्रकार के कार्य आदमियों के द्वारा संपन्न किए जाते हैं। इस कारण ईश्वर ने इस संसार में भिन्न-भिन्न प्रवृत्तियों वाले आदमियों की रचना की है।
    Question 13
    CBSEENHN9000810

    आदमी का आचरण कैसा होना चाहिए? कविता के आधार पर लिखिए।

    Solution
    इस दुनिया में विभिन्न प्रवृत्तियों वाले आदमी हैं कुछ अच्छे तो कुछ बुरे। मनुष्य को अच्छा आचरण अपनाकर समाज में यश कमाना चाहिए तथा समाज को सुंदर बनाने में योगदान करना चाहिए। वही व्यक्ति अच्छे आचरण वाला कहलाता है जो धार्मिक कार्य करता है। किसी की मदद करने को सदैव तत्पर रहता है तथा अपना सारा जीवन परोपकार में लगा देता है।
    Question 14
    CBSEENHN9000811

    निम्नलिखित पंक्तिओं का भाव पक्ष लिखिए।
    दुनिया में बादशाह है सो है वह भी आदमी
    और मुफ़लिस-ओ-गदा है सो है वो भी आदमी
    ज़रदार बेनवा है सो है वो भी आदमी
    निअमत जो खा रहा है सो है वो भी आदमी
    टुकड़े चबा रहा है सी है वो भी आदमी

    Solution
    भाव पक्ष -कवि आदमी के भिन्न-भिन्न रंग-रूपों पर प्रकाश डालते हुए कहते हैं-कि इस दुनिया में तरह-तरह के आदमी हैं। जो लोगों का बादशाह बना बैठा है, वह भी आदमी है उसके पास दुनिया भर की दौलत और अधिकार है। दूसरी ओर जो बिल्कुल गरीब, भिखारी है वे भी आदमी हैं। जिसके पास बहुत दौलत है, वह भी आदमी है जो बिलकुल कमज़ोर है, वह भी आदमी है। जो स्वादिष्ट भोजन खा रहा है।, वह भी आदमी है और जिसे सूखी रोटी के टुकड़े चबाने को मिल रहे हैं, वह भी आदमी है।
    Question 15
    CBSEENHN9000812

    निम्नलिखित पंक्तिओं का शिल्प सौन्दर्य लिखिए।
    दुनिया में बादशाह है सो है वह भी आदमी
    और मुफ़लिस-ओ-गदा है सो है वो भी आदमी
    ज़रदार बेनवा है सो है वो भी आदमी
    निअमत जो खा रहा है सो है वो भी आदमी
    टुकड़े चबा रहा है सी है वो भी आदमी

    Solution

    शिल्प सौन्दर्य-
    1. कवि ने मनुष्य जीवन की अलग-अलग स्थितियों का चित्रन किया है।
    2. हिन्दी व उर्दू भाषा का मिश्रित प्रयोग है।
    3. भाषा सरस, सरल व मर्मस्पर्शी है।
    4. भाषा में लयात्मकता व गीतात्मकता है।
    5. भावात्मक शैली का प्रयोग हुआ है।
    6. उर्दू शब्दावली का सटीक प्रयोग दृष्टव्य हैं।
    7. ‘सो है वह भी आदमी’ की आवृत्ति से कविता में अद्‌भुत मोहकता आ गई है।
    8. मुहावरों का सुंदर प्रयोग हुआ है।

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    Question 21
    CBSEENHN9000818

    निम्नलिखित पंक्तिओं को पढ़कर उनका भाव पक्ष लिखिए:
    मसज़िद भी आदमी ने बनाई है या, मियाँ
    बनते हैं आदमी ही इमाम और खुतबाख्वाँ
    पढ़ते हैं आदमी हो कुरआन और नमाज़ यां
    और आदमी ही उनकी चुराते हैं जूतियाँ
    जो उनको, ताड़ता  है सो है वो भी आदमी

    Solution
    भाव पक्षकवि मनुष्य के भिन्न-भिन्न रंग रूपो व स्वभाव का वर्णन करते हुए कहता है, कि इस दुनिया में मसज़िद बनाने वाला भी आदमी है, वह भी आदमी है जो मसज़िद में बैठ कर नमाज़ पढ़ता है और जो कुरान शरीफ का अर्थ समझाता है, वह भी आदमी है। जो सामान्य मुसलमान उन इमामों से कुरान का अर्थ सुनते हैं और नमाज़ पड़ते हैं, वे भी आदमी हैं। इन सबके विपरीत जो दुष्ट मसजिद में आकर इमामों, नमाजियों की जूतियाँ चुरा कर ले जाते हैं, वे भी आदमी हैं, जो लोग ऐसे चोरों पर नज़र रखते हैं, वे भी आदमी हैं।
    Question 22
    CBSEENHN9000819

    निम्नलिखित पंक्तिओं को पढ़कर उनका  शिल्प सौन्दर्य लिखिए:
    मसज़िद भी आदमी ने बनाई है या, मियाँ
    बनते हैं आदमी ही इमाम और खुतबाख्वाँ
    पढ़ते हैं आदमी हो कुरआन और नमाज़ यां
    और आदमी ही उनकी चुराते हैं जूतियाँ
    जो उनको, ताड़ता  है सो है वो भी आदमी

    Solution

    शिल्प सौन्दर्य-
    1. संसार में भिन्न प्रकार के परस्पर विरोधी काम करने वाले लोग हैं। वे सब आदमी के भिन्न-भिन्न रूप हैं।
    2. हिन्दी व उर्दू भाषा का मिश्रित प्रयोग है।
    3. भाषा सरस, सरल व मर्मस्पर्शी है।
    4. भाषा में लयात्मकता व गीतात्मकता है।
    5. भावात्मक शैली का प्रयोग हुआ है।
    6. उर्दू शब्दावली का सटीक प्रयोग दृष्टव्य हैं।
    7. ‘सो है वह भी आदमी’ की आवृत्ति से कविता में अद्‌भुत मोहकता आ गई है।
    8. मुहावरों का सुंदर प्रयोग हुआ है।

    Question 28
    CBSEENHN9000825

    निम्नलिखित पंक्तिओं को पढ़कर उनका भाव पक्ष लिखिए
    यां आदमी पै जान को वारे है आदमी
    और आदमी पै तेग को मारे है आदमी
    पगड़ी भी आदमी की उतारे है आदमी
    चिल्ला के आदमी को पुकारे है आदमी
    और सुनके दौड़ता है सो है वो मी आदमी

    Solution
    कवि कहते हैं कि एक आदमी दूसरे आदमी पर अपनी जान भी न्योछावर कर देता है। दूसरी ओर दुष्ट स्वभाव का व्यक्ति तलवार से वार कर उसे मार डालता है। समय पड़ने पर दूसरे आदमी की पगड़ी उतारने अर्थात् बेइज्जती करने में जरा भी देर नही लगाता। आवश्यकता पड़ने पर अपनी सुरक्षा के लिए दूसरे को चिल्ला कर पुकारने वाला भी आदमी है जो आदमी सुरक्षा की पुकार को सुनकर उसे बचाने के लिए दौड़ता है, वह भी आदमी है। आदमी के विभिन्न रंग-रूप है। उसकी बदलती परिस्थितियाँ उसे भिन्न भूमिका में ला खड़ा करती है।
    Question 29
    CBSEENHN9000826

    निम्नलिखित पंक्तिओं को पढ़कर शिल्प सौन्दर्य लिखिए
    यां आदमी पै जान को वारे है आदमी
    और आदमी पै तेग को मारे है आदमी
    पगड़ी भी आदमी की उतारे है आदमी
    चिल्ला के आदमी को पुकारे है आदमी
    और सुनके दौड़ता है सो है वो मी आदमी




    Solution

    शिल्प सौन्दर्य-
    1. कवि ने मनुष्य की परस्पर विरोधी भूमिकाएँ दिखाकर अद्‌भुत प्रभाव उत्पन्न किया है।
    2. हिन्दी व उर्दू भाषा का मिश्रित प्रयोग है।
    3. भाषा सरस, सरल व मर्मस्पर्शी है।
    4. भाषा में लयात्मकता व गीतात्मकता है।
    5. भावात्मक शैली का प्रयोग हुआ है।
    6. उर्दू शब्दावली का सटीक प्रयोग दृष्टव्य हैं।
    7. ‘सो है वह भी आदमी’ की आवृत्ति से कविता में अद्‌भुत मोहकता आ गई है।
    8. मुहावरों का सुंदर प्रयोग हुआ है।

    Question 35
    CBSEENHN9000832

    निम्नलिखित पंक्तिओं को पढ़कर भाव पक्ष कीजिये
    अशराफ़ और कमीने से ले शाह ता वजीर
    ये आदमी ही करते हैं सब कारे दिलपज़ीर
    यां आदमी मुरीद है और आदमी ही पीर
    अच्छा भी आदमी ही कहाता है ए नज़ीर
    और सबमें जो बुरा है सो है वो भी आदमी



    Solution
    कवि कहता है कि कुछ आदमी शरीफ़ होते हैं तो कुछ कमीने किस्म के भी होते हैं। बादशाह से लेकर मंत्री तक सब मनमाने काम करने वाले लोग आदमी ही तो हैं, चाहे वह भले आदमी की भूमिका हो या दुष्ट प्रवृत्ति वाले की चाहे बादशाह की भूमिका हो, चाहे मंत्री की सबको करने वाला आदमी है। कुछ आदमी शिष्य होते हैं तो कुछ पीर-फकीर संत किस्म के होते हैं। अच्छे काम करके अच्छा कहलाने वाला भी आदमी ही है और बुरे काम करके बुरा कहलाने वाला भी आदमी है।
    Question 36
    CBSEENHN9000833

    निम्नलिखित पंक्तिओं को पढ़कर शिल्प सौन्दर्य लिखिए
    अशराफ़ और कमीने से ले शाह ता वज़ीर
    ये आदमी ही करते हैं सब कारे दिलपज़ीर
    यां आदमी मुरीद है और आदमी ही पीर
    अच्छा भी आदमी ही कहाता है ए नज़ीर
    और सबमें जो बुरा है सो है वो भी आदमी

    Solution

    शिल्प सौन्दर्य-
    1. इसमें आदमी की परस्पर विरोधी भूमिकाएँ दिखाकर अद्‌भुत प्रभाव उत्पन्न किया गया है।
    2. हिन्दी व उर्दू भाषा का मिश्रित प्रयोग है।
    3. भाषा सरस, सरल व मर्मस्पर्शी है।
    4. भाषा में लयात्मकता व गीतात्मकता है।
    5. भावात्मक शैली का प्रयोग हुआ है।
    6. उर्दू शब्दावली का सटीक प्रयोग दृष्टव्य हैं।
    7. ‘सो है वह भी आदमी’ की आवृत्ति से कविता में अद्‌भुत मनमोहकता आ गई है।
    8. मुहावरों का सुंदर प्रयोग हुआ है।

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