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आदमीनामा - नज़ीर अकबराबादी

Question
CBSEENHN9000812

निम्नलिखित पंक्तिओं का शिल्प सौन्दर्य लिखिए।
दुनिया में बादशाह है सो है वह भी आदमी
और मुफ़लिस-ओ-गदा है सो है वो भी आदमी
ज़रदार बेनवा है सो है वो भी आदमी
निअमत जो खा रहा है सो है वो भी आदमी
टुकड़े चबा रहा है सी है वो भी आदमी

Solution

शिल्प सौन्दर्य-
1. कवि ने मनुष्य जीवन की अलग-अलग स्थितियों का चित्रन किया है।
2. हिन्दी व उर्दू भाषा का मिश्रित प्रयोग है।
3. भाषा सरस, सरल व मर्मस्पर्शी है।
4. भाषा में लयात्मकता व गीतात्मकता है।
5. भावात्मक शैली का प्रयोग हुआ है।
6. उर्दू शब्दावली का सटीक प्रयोग दृष्टव्य हैं।
7. ‘सो है वह भी आदमी’ की आवृत्ति से कविता में अद्‌भुत मोहकता आ गई है।
8. मुहावरों का सुंदर प्रयोग हुआ है।

Some More Questions From आदमीनामा - नज़ीर अकबराबादी Chapter

निम्नलिखत प्रशनों के उत्तर दीजिए-
‘आदमी नामा’ शीर्षक कविता के इन अंशों को पढ़कर आपके मन में मनुष्य के प्रति क्या धारणा बनती हैं?

निम्नलिखत प्रशनों के उत्तर दीजिए-
इस कविता का कौन-सा भाग आपको सबसे अच्छा लगा और क्यों?

निम्नलिखत प्रशनों के उत्तर दीजिए-
आदमी की प्रवृत्तियों का उल्लेख कीजिए।

निम्नलिखत अंशों की व्याख्या कीजिए-
दुनिया में बादशाह है सो है वह भी आदमी
और मुफ़लिस—ओ—गदा है सी है वो भी आदमी

निम्नलिखत अंशों की व्याख्या कीजिए-
अशराफ़ और कमीने से ले शाह ता वज़ीर
ये आदमी ही करते हैं सब कारे दिलपज़ीर

निम्नलिखित में अभिव्यक्त व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए-
पढ़ते हैं आदमी ही कुरआन और नमाज़ यां
और आदमी ही उनकी चुराते हैं जूतियाँ
जो उनकी ताड़ता है सो है वो भी आदमी

निम्नलिखित में अभिव्यक्त व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए-
पगड़ी भी आदमी की उतारे है आदमी
चिल्ला के आदमी को पुकारे है आदमी
और सुनके दौड़ता है सो है वो भी आदमी।

नीचे लिखे शब्दों का उच्चारण कीजिए और समझिए कि किस प्रकार नुक्ते के कारण उनमें अर्थ परिवर्तन आ गया है।
राज़ (रहस्य)        फ़न (कौशल)
राज (शासन)       फ़न (साँप का मुँह)
जरा (थोड़ा)        फ़लक (आकाश)
जरा (बुढ़ापा)      फ़लक (लकड़ी का तख्ता)
ज़ फ से युक्त दो-दो शब्दों को और लिखिए।

निम्नलिखित मुहावरों का प्रयोग वाक्य में कीजिए-
(क) टुकड़े चबाना
(ख) पगड़ी उतारना
(ग) मुरीद होना
(घ) जान वारना
(ङ) तेग मारना

कवि ने कविता में ‘आदमी’ शब्द की पुनरावृत्ति किस उद्देश्य से की है?