समकालीन भारत 1 Chapter 2 भारत का भौतिक स्वरूप
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    NCERT Solution For Class 9 सामाजिक विज्ञान समकालीन भारत 1

    भारत का भौतिक स्वरूप Here is the CBSE सामाजिक विज्ञान Chapter 2 for Class 9 students. Summary and detailed explanation of the lesson, including the definitions of difficult words. All of the exercises and questions and answers from the lesson's back end have been completed. NCERT Solutions for Class 9 सामाजिक विज्ञान भारत का भौतिक स्वरूप Chapter 2 NCERT Solutions for Class 9 सामाजिक विज्ञान भारत का भौतिक स्वरूप Chapter 2 The following is a summary in Hindi and English for the academic year 2021-2022. You can save these solutions to your computer or use the Class 9 सामाजिक विज्ञान.

    Question 5
    CBSEHHISSH9009571

    भूगर्भीय प्लेटें क्या है?
     

    Solution

    जो सघन अर्धतरल चट्टानों के ऊपर तैरती रहती है। उन्हें भूगर्भीय प्लेटें कहते है। इसके दो प्रकार होते है-महाद्वीप और महासागरीय प्लेटें।

     
    Question 6
    CBSEHHISSH9009572

    आज के कौन-से महाद्वीप गोंडवाना लैंड के भाग थे?

    Solution

    आज के निम्नलिखित महाद्वीप गोंडवाना लैंड के भाग थे-
    i) ऑस्ट्रेलिया
    ii) अफ्रीका
    iii) दक्षिण अमेरिका
    iv) एशिया

    Question 7
    CBSEHHISSH9009573

    'भाबर' क्या है?

    Solution

    नदियाँ पर्वतों से नीचे उतारते समय शिवालिक की ढल पर 8 से 16 कि.मी.कि चौड़ी पट्टी में गुटिका का निरीक्षण करती हैl इसे भाबर के नाम से जाना जाता हैl

    Question 8
    CBSEHHISSH9009574

    हिमाचल के तीन प्रमुख विभागों के नाम से उत्तर में दक्षिण के क्रम में बताइए।

    Solution
    हिमाचल के तीन प्रमुख विभागों के नाम से उत्तर में दक्षिण के क्रम में इस प्रकार है-
    (i) आंतरिक हिमालय या हिमांद्री
    (ii) निम्न हिमालय या हिमाचल
    (iii) बाहरी हिमालचल या शिवालिक
    Question 9
    CBSEHHISSH9009575

    अपसारी तथा अभिसारी भुगर्भीय प्लेटें

    Solution

    अपसारी प्लेटें - दो प्लेटें एक-दूसरे से दूर जाती है तब अपसारी परिसीमा का निर्माण होता हैं। जब प्लेटें एक दूसरे से दूर जाती है, तब समुंद्री सतह का निर्माण हो सकता हैं।
    अभिसारी भुगर्भीय प्लेटें - दो प्लेटें एक दूसरे के करीब आने पर अपसारी परिसीमा का निर्माण करती है। जब दो प्लेटें एक दूसरे के करीब आती है तो या तो वे टूट सकती है या फिर एक प्लेट फिलसलकर दूसरी प्लेट के नीचे आ सकती है।

    Question 10
    CBSEHHISSH9009576

    बांगर और खादर में अंतर

    Solution

    बांगर - ये पुरानी जलोढ़ मिट्टि वाले भू-भाग है। इस प्रकार की जलोढ़ के लगतार एकत्रित होने पर छज्जे जैसी संरचना बन जाती है, जो बाढ़ प्रभावी मैदान के स्तर जितनी ऊपर उठ जाती है। कंकरो के संरक्षण के कारण यह जगह प्रायः अनुर्वर रहती है। 
    खादर - नवीनतम और बाढ़ मैदानों का युवा संग्रहण खादर कहलाता है। लगभग हर वर्ष इसकी मिट्टि बदलती रहती है। अतः यह उपजाऊ और प्रचुर पैदावार के लिए उपयुक्त है। 

    Question 11
    CBSEHHISSH9009577

    पूर्वी घाट तथा पश्चिमी घाट

    Solution
    पूर्वी घाट  पश्चिमी घाट

    (i) पूर्वी घाट पूर्वी तट के समानांतर स्थित है। 
    (ii) ये, दक्षिण के पठार के पूर्वी सिरे का निर्माण करते है। 
    (iii) पूर्वी घाट महानदी घाट (उड़ीसा में) से दक्षिण में नीलगिरि (तमिलनाडु) तक फैले हुए है। 
    (iv) पूर्वी घाट के अंतर्गत महेन्द्रगिरि, अन्नामलाई, जावेडी, शेवराय पहाड़ियाँ आती है। 
    (v) पूर्वी घाट का सबसे ऊँचा शिखर महेन्द्रगिरि (1,500 मी.) है।

     

    (i) पश्चिमी घाट पश्चिमी तट के समानांतर स्थित है।
    (ii) ये दक्षिण के पठार के पश्चिम सिरे का निर्माण करते है l
    (iii) पश्चिमी घाटी अरब सागर के तट पर उत्तर से दक्षिण की ओर गुजरात से केरल तक फैले है।
    (iv) पश्चिमी घाट के अंतर्गत साह्ययाद्रि, नीलगिरि, कार्डामम, अनाईमुंडी पहाड़ियाँ आती है।
    (v) इस भाग के शिखर ऊँचे है जैसे अनाईमुंडी (2,695 मी.) तथा डोडा बेटा ((2,633 मी.) है।

    Question 12
    CBSEHHISSH9009578

    बताइए हिमालय का निर्माण कैसे हुआ था?

    Solution

    (i) प्राचीन गोंडवाना लैंड संवहनीय धाराओं के प्रभाव से कई टुकड़ो में विभाजित हो गया इनका ही एक हिस्सा इंडो-ऑस्ट्रेलियन प्लेट था।
    (ii) इंडो-ऑस्ट्रेलियन प्लेट उत्तर की तरफ खिसकती हुई यूरेशियन प्लेट से टकरा गई जो की उससे बहुत बड़ी थी।
    (iii) इसी टक्कर के कारण टेथिस सागर में जमा हुई अवसादी चट्टानें मुड़ने लगीं। इसी मुड़ाव के कारण पश्चिमी एशिया तथा हिमालय के मोड़दार पर्वतीय तंत्र का जन्म हुआ।

    Question 13
    CBSEHHISSH9009579

    भारत के प्रमुख भू-आकृतिक विभाग कौन-से हैं? हिमालय क्षेत्र तथा प्रायद्वीप पठार के उच्चावच लक्षणों में क्या अंतर है?

    Solution

    भारत के भू-आकृतिक विभाग निम्नलिखित है-
    हिमालय पर्वत
    उत्तरी मैदान
    प्रायद्वीप पठार
    भारतीय मरुस्थल
    तटीय मैदान
    हिमालय क्षेत्र तथा प्रायद्वीप पठार के उच्चावच लक्षणों में अंतर इस प्रकार है-


    हिमालय प्रायद्वीपीय पठार

    (i) हिमालय भारत की उत्तरी सीमा पर स्थित है। 
    (ii) यह बहुत ऊँची पर्वतीय दीवार बनता है।
    (iii) उत्तर-दक्षिण में हिमालय पर्वत की तीन श्रंखलाएँ है-हिमांद्री, हिमाचल, शिवालिक।
    (iv) पूर्व-पश्चिम हिमालय में पंजाब हिमालय, कुमाऊँ, नेपाल हिमालय, असम हिमालय शामिल है।
    (v) माउंट एवरेस्ट, कंचनजुंगा धौलागिरी आदि विश्व के सबसे ऊँचे शिखर है जो हिमालय में स्थित है। इनमे से कुछ 8,000 मीटर ऊँचे है।
    (vi) हिमालय के जो ऊँचे क्षेत्र है वे हमेशा बर्फ से ढके रहते है। यहाँ कई हिमानिया स्थित है, जहाँ से बारहमासी नदियों का उद्धभव होता है इन्हे हिम व वर्षा दोनों से जल प्राप्त होता है।
    (vii)ये नवीन वलित पर्वत हैl इनका निर्माण भूगर्भीय काल में 'टेथिस' भू-अभिनति के अवसादी चट्टान के वलित होने के कारण हुआ है।


    (i) प्रायद्वीपीय पठार भारत के दक्षिणी भाग में विस्तृत रूप से फैला है। 


    (ii) यह उत्तर से चौड़ा और दक्षिण से संकरा है। 
    (iii)प्रायद्वीपीय पठार के प्रमुख रूप दो विभाजन है-दक्षिण का पठार और मध्य उच्चभूमि। 
    (iv) इस क्षेत्र में इस तरह का कोई विभाजन नहीं है। पश्चिम से पूर्व के अंतर्गत मालवा, बुंदेलखंड तथा छोटा नागपुर का पठार शामिल है। 
    (v) ये क्षेत्र उँचाई में कम है इनकी सबसे ऊँची चोटी अनाइमुंडी है जो 2,695 मीटर है।

    (vi) यहाँ सदा बर्फ नहीं रहती नदियों को केवल वर्षा से ही जल प्राप्त होता है, इसलिए वे मौसमी नदिया होती है।
    (vii)प्रायद्वीपीय पठार प्राचीनतम भू-भाग का एक हिस्सा है क्रिस्टलीय, आग्नेय व रूपांतरित शैलों से इनका निर्माण हुआ।

    Question 14
    CBSEHHISSH9009580

    भारत के उत्तरी मैदान का वर्णन लिखिए।

    Solution

    (i) उत्तरी मैदान तीन प्रमुख नदी प्रणालियों- सिंधु, गंगा एवं ब्रह्मपुत्र तथा इसकी सहयक नदियों से बना है। यह मैदान जलोढ़ मृदा से बना है। लाखों वर्षों में हिमालय के गिरिपाद में स्थित बहुत बड़े बेसिन (द्रोणी) में जलोढ़ो का निक्षेप हुआ। इससे इस उपजाऊ मैदान का निर्माण हुआ।
    (ii) इसका विस्तार 7 लाख वर्ग कि.लो. लम्बा एवं 240 से 320 कि. मी. चौड़ा है। यह सघन जनसँख्या वाला भौगौलिक क्षेत्र है। समृद्ध मृदा आवरण, पर्याप्त पानी की उपलब्धता एवं अनुकूल जलवायु के कारण कृषि की दृष्टि से यह भारत का अत्याघिक उत्पादक क्षेत्र है।
    (iii) यह भारत का सबसे सघन बसा हुआ क्षेत्र है। पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश इस क्षेत्र के उच्च जनसँख्या घनत्व वाले क्षेत्र है।

    (iv) उत्तरी मैदान को मोटे तौर पर तीन उपवर्गों में विभाजित किया गया है। उत्तरी मैदान के पश्चिमी भाग को पंजाब का मैदान कहा जाता है। सिंधु तथा इसकी सहयक नदी झेलम, चेनाब, रावी, ब्यास तथा सतलुज हिमालय से निकलती है। मैदान के इस भाग में दोआबों की संख्या बहुत अधिक है।

    Question 15
    CBSEHHISSH9009581

    निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्णियाँ लिखिए:
    भारत के द्वीप समूह

    Solution

    भारत के दो द्वीप समूह:
    बंगाल की खाड़ी-
    बंगाल की खाड़ी के अंतर्गत अंडमान एवं निकोबार समूह आते है। यह 250 वर्ग किलो मीटर में फैले लगभग 250 द्वीपो से मिलकर बना है। ये द्वीप ज्वालामुखीय उत्पति के है। भारत का एकमात्र सक्रीय ज्वालमुखी यहाँ बैरन द्वीप पर स्थित है। बंगाल की खाड़ी के द्वीप समूह हरे भरे वनों से ढ़के है यहाँ भूमध्य-रेखीय जलवायु पाई जाती है।
    अरब सागर के द्वीप-
    अरब सागर के अंतर्गत लक्षद्वीप समूह आते है। यह सिर्फ 32 किलो मीटर में फैले 32 द्वीपो से मिलकर बना है। ये मुख्यतः प्रवाल द्वीप है। जिसका निर्माण पॉलिप नमक सूक्ष्मदर्शी जीवों से हुआ है। यह द्वीप समूह मुख्यतः वनस्पति और जैव विवधता के लिए जाना जाता है। यहाँ भू मध्यरेखीय जलवायु पाई जाती है।

     

    Question 16
    CBSEHHISSH9009645

    निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणियाँ लिखिए-
    मध्य हिमालय

    Solution

    मध्य हिमालय का सर्वाधिक हिस्सा असम में है। इन श्रंखलाओं का निर्माण मुख्य रूप से अत्यधिक संपीड़ित तथा परवर्तित शैलों में हुआ है। इनकी ऊँचाई 3,700 मीटर से 4,500 मीटर के बीच तथा औसत चौड़ाई 50 किलोमीटर है। पीर पंजाल श्रृंखला सबसे लम्बी तथा सबसे महत्वपूर्ण शृंखला है। धौलाधार एवं महाभारत श्रंखलाएँ भी महत्वपूर्ण हैं। इसी शृंखला में कश्मीर की घाटी तथा हिमाचल के कांगड़ा एवं कुल्लू की घाटियाँ स्थित हैं। धर्मशाला, डलहौजी, शिमला, नैनीताल, मसूरी, दार्जीलिंग आदि कई पर्वतीय नगर भी इसके निचले भागों में स्थित हैं। 

    Question 17
    CBSEHHISSH9009646

    निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणियाँ लिखिए-
    मध्य उच्च भूमि

    Solution

    नर्मदा नदी के उत्तर में प्रायद्वीपीय पठार का वह भाग जो कि मालवा के पठार के अधिकतर भागों में फैला है, मध्य उच्च भूमि के नाम से जाना जाता है। इस क्षेत्र में बहने वाली नदियाँ-चंबल, सिंधु, बेतवा तथा केन दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व की तरफ बहती हैं। मध्य उच्च भूमि पश्चिम में चौड़ी लेकिन पूर्व में संकीर्ण है। इस पठार के पूर्वी विस्तार को स्थानीय रूप से बुंदेलखंड तथा बघेलखंड के नाम से जाना जाता है। इसके और पूर्व के विस्तार के दामोदर नदी द्वारा अपवाहित छोटानागपुर पठार दर्शाता है।

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    Question 18
    CBSEHHISSH9009729

    प्लेट विवर्तनिक सिद्धांत का वर्णन करें?

    Solution

    माहाद्वीपों, महासागरीय, द्रोणियों और विभिन्न स्थालाकृतियों के निर्माण से सम्बन्धित भूगर्भ शास्त्रीयों द्वारा प्रतिपादित सर्वमान्य सिद्धांत प्लेट विवर्तनिक का सिद्धांत है। इस सिद्धांत केअनुसार पृथ्वी की उपरी पर्पटी सात बड़ी एवं कुछ छोटी प्लेटों से बनी है। भूगर्भ शास्त्रियों केअनुसार लाखों वर्ष पहले संसार एक वृहतम महाद्वीप पैंजिया जो विशालकाय महासागर पैंथालसा से घिरा था, वर्तमान महाद्वीप और उसमें समाहित महासागर का निर्माण संवहनीय प्रवाह के कारण भूपर्पटी के टूटने तथा उनके संचरण से हुआ है।

    Question 19
    CBSEHHISSH9009730

    भारत के प्रमुख भौतिक विभागों के नाम लिखें ? किन्हीं एक भौतिक विभाग पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।

    Solution
    1. हिमालय का पर्वतीय प्रदेश
    2. उतरी मैदान
    3. प्रायद्वीपीय पठार
    4. भारतीय मरुभूमि
    5. समुद्र तटीय मैदान
    6. द्वीप समूह
    7. समुंद्र तटीय मैदान: भारत का प्रायद्वीपीय पठार पूरब और पश्चिम में पतले समुंद्र तटीय मैदान से घिरा है।पश्चिम तटीय मैदान एक पतली पट्टी है जो अरबसागर के साथ-साथ फैला हुआ है तथा इसके पूरब में पूर्वी घाट अवस्थित है। इस पश्चिमी तटीय मैदान का उतरी भाग कोंकण ( मुम्बई से गोवा) कहलाता है। मध्यवर्ती भाग कन्नड़ तथा दक्षिणी भाग मालावार तट कहलाता है।
      बंगाल की खाड़ी के साथ विस्तृत मैदान चौड़ा एवं समतल है। उतरी भाग में इसे उतरी सरकार कहा जाता है जबकी दक्षिणी भाग को कोरोमण्डल तट के नाम से जाना जाता है।

    Question 20
    CBSEHHISSH9009731

    भारत के उतरी मैदान का निर्माण कैसे हुआ है? संक्षेप मे वर्णन करें।

    Solution

    टेथिस सागर में लगातार अवसादों के निक्षेपण से ऊँचे उठे हुए हिस्से से उतरी मैदान का निर्माण हुआ।
    उतरी मैदान तीन प्रमुख नदी प्रणालियों - सिंधु, गंगा एवं ब्रह्मपुत्र तथा इनकी सहायक नदियों से बना हैं। यह मैदान जलोढ़ मृदा से बना है। लाखों वर्षो में हिमालय के गिरिपाद में स्थित बहुत बड़े बेसिंग (द्रोणी) में जलोढ़ो का निक्षेप हुआ, जिससे, इस उपजाऊ मैदान का निर्माण हुआ। समृद्ध मृदा आवरण, पर्याप्त पानी की उपलब्धता एवं अनुकुल जलवायु के कारण कृषि की दृष्टि से यह भारत का अत्यधिक उत्पादक क्षेत्र है।
    जैसे ही हिमालय का उत्थान हुआ नदियां, हिमानी और अपरदन के दूत अपरदन कार्य में सक्रिय हो गए । परिणामस्वरूप विशाल अवसाद के अवसादीकरण के कारण टेथिस सिकुड़ता गया ।

    Question 21
    CBSEHHISSH9009732

    पूर्वी और पश्चिमी घाट कहाँ पर स्थित हैं? प्रत्येक पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।

    Solution

    पूर्वी और पश्चिमी घाट प्रायद्वीपीय पठार के क्षेत्र में स्थित है। पश्चिमी तट के समानान्तर दक्कन के पठार के पश्चिमी किनारे में पश्चिमी घाट है। पूर्वी घाट दक्कन पठार के पूर्वी किनारे में स्थित है। यह दक्षिण में नीलगिरी पहाड़ी से महानदी घाटी तक फैला हुआ है। पूर्वी तटीय मैदान पूरब की ओर जाता है। पश्चिमी घाट लगातार है जिसे थाल, भोर, और पाल घाट नामक दर्रों से पार किया जा सकता है। यह सापेक्षत: ऊँचा औसत (900 से 1600 मीटर) है। कोई भी नदी इस घाट को काटकर पार नही कर पाई है।
    पूर्वी घाट लगातार नहीं फैला है। पश्चिमी घाट की अपेक्षा यह नीचा है। यह बंगाल की खाड़ी से गिरनेवाली नदियों से अनेक भागों में बँटा है।

    Question 22
    CBSEHHISSH9009733

    विंध्य और अरावली श्रेणी के बीच कौन सा पठार स्थित है? इस पठार पर सक्षिप्त टिप्पणी लिखें।

    Solution

    मालवा का पठार विंध्य और अरावली श्रेणियों के बीच स्थित है। अरावली की पहाड़ियाँ पश्चिम में तथा विंध्य श्रेणी इसके दक्षिण में स्थित है। प्रायद्वीपीय पठार का यह भाग जो नर्मदा नदी के उत्तर में स्थिति है उसे मध्य उच्च भूमि के नाम से जाना जाता है। मालवा पठार मध्यप्रदेश में है। ये बहुत अधिक अपरदित एवं खण्डित पहाड़ियाँ हैं। चम्बल नदी के समीप या उसके पूर्व यह पठार अनेक नदियों द्वारा विस्तृत रूप से अनेक भागों में बँटा है।

    Question 23
    CBSEHHISSH9009734

    प्रवाल क्या है? उस द्वीप का नाम बताये और वर्णन करे जो प्रवालों से बना है?

    Solution

    प्रवाल सुक्ष्मतम जीव है जो एक आवरण के अन्दर रहते हैं । इनका विकास छिछले, स्वच्छ और गर्म जल में होता है। यह कैल्सियम कार्बोनेट से बना है। प्रवाल के कंकाल से ही प्रवाल अवसाद का निर्माण हुआ। लक्षदीप एक प्रवाल द्वीप है जो केरल के मालावार तट के समीप प्रवालों से बना एक छोटा सा द्वीप था।

    Question 24
    CBSEHHISSH9009735

    'भाबर' और 'तराई' का वर्णन करें।

    Solution

    नदियाँ पर्वतों से नीचे उतरते समय शिवालिक की ढाल पर 8 से 16 कि. मी. के चौड़ी पट्टी में गुटिका का निक्षेपण करती हैं। इसे 'भाबर' के नाम से जाना जाता हैं। सभी सरिताएँ इस भाबर पट्टी में विलुप्त हो जाती हैं। इस पट्टी के दक्षिण में ये सरिताएँ एवं नदियाँ पुनः निकल आती हैं। एवं नम तथा दलदली क्षेत्र का निर्माण करती हैं, जिससे 'तराई' कहा जाता है।

    Question 25
    CBSEHHISSH9009736

    वृहत् श्रेणी के विभिन्न भागों पर टिप्पणी लिखें।

    Solution
    1. हिमालय विश्व के सबसे ऊँचे पर्वतो में से एक है और एक अत्यधिक असम अवरोधों में से एक है। जो पश्चिम से पूरब सिंधु नदी से ब्रह्मपुत्र नदी तक पूरे भारत के उत्तरी सीमा का निर्माण करते हैं। भूगर्भिक दृष्टि से यह नवीन और संरचना की दृष्टि से वलित पर्वत प्रणाली है।
    2. पश्चिम से पूर्व हिमालय को तीन क्षैतिवत विभागों में बाँटा गया है। सबसे उत्तरी भाग को वृहत् हिमालय या आन्तरिक हिमालय के नाम से जाना जाता है। हमेशा बर्फ़ तथा हिमनदियों से ढ़का होने के कारण इसे हिमाद्रि के नाम से जाना जाता है। इन श्रेणियों की औसत उँचाई 6000 मीटर है। सभी मुख्य और प्रमुख उँची चोटियाँ (शिखर) इसी श्रेणी में स्थित है। कुछ प्रमुख उँचे शिखर नेपाल में एवरेस्ट (8848) मी०, सिक्किम में कंचनजुंगा (88598) मी०, कश्मीर में नंगा पर्वत, उत्तराखण्ड में नन्दा देवी और अरूणाचल प्रदेश में नामचा बरुआ और नेपाल में धौलागिरी और अन्नपूर्णा।
    3. हिमाद्री के दक्षिण में स्थित श्रेणी को निम्न हिमालय या हिमाचल कहा जाता है जिसकी औसत चौड़ाई 50 कि०मी० है। इस श्रेणी की औसत उँचाई 3900 से 4500 मीटर है। इस श्रेणी के प्रमुख श्रेणी पीर-पंजाल श्रेणी, धौलाधर श्रेणी और महाभारत श्रेणी है। कश्मीर की प्रमुख घाटी, तथा हिमाचल प्रदेश की कांगड़ा और कुलू घाटियाँ इसी श्रेणी में स्थित हैं।
    4. हिमालय के सबसे बाहरी श्रृंखला को शिवालिक या बाह्य हिमालय कहा जाता है। इनकी चौड़ाई 10 से 50 कि० मी० तथा उँचाई 900 से 1100 मीटर के बीच है। ये श्रृंखलाएँ उत्तर में स्थित मुख्य हिमालय की श्रृंखलाओं से नदियों द्वारा लाई गई असंपिडित अवसादों से बनी है। ये घाटियाँ बजरी तथा जलोढ़ की मोटी परत से ढ़की हुई है।
    5. निम्न हिमाचल तथा शिवालिक के बीच में स्थित लंबवत् घाटी को दून के नाम से जाना जाता है। कुछ प्रसिद्ध दून हैं- देहरादून, कोटली दून एवं पाटली दून।
    Question 26
    CBSEHHISSH9009737

    गोण्डवानालैण्ड से भारत के निर्माण का वर्णन करें।

    Solution
    1. भूगर्भशारित्रयों के अनुसार प्लेट विवर्तनिक का सिद्धान्त प्रस्तुत किया गया जिसके अनुसार भूपर्पटी का निर्माण प्लेट विवर्तनिक से हुआ है। इन प्लेटों के प्रवाह ने भारत के वर्तमान स्थलस्वरूप के निर्माण को प्रभावित किया। पैजियाँ के दक्षिण वाले भाग को गोण्डवानालैण्ड के नाम से जाना गया। जिसमें भारत, आस्ट्रेलिया, दक्षिण अमेरिका, दक्षिण अफ्रिका ये सभी एक ही भूभाग थे। भूगर्भिक दृष्टि से प्रायद्वीपीय पठार जो पृथ्वी का सबसे प्राचीनतम भूभाग है वह गोण्डवानालैण्ड का ही भाग है।
    2. प्लेट विवर्तन ने भूपर्पटी को अनेक भागों में बाँट दिया। गोण्डवानालैण्ड के भाग के रूप में आस्ट्रेलियन प्लेट उत्तर की ओर प्रवाहित हुआ । परिणामस्वरूप इस टकराव वृहत यूरेशियन प्लेट से हुआ। उत्तर में अंगारालैण्ड तथा दक्षिण में गोण्डवाना लैण्ड के बीच का भाग टेथिस सागर के रूप में उभरा । टकराव से टेथिस भू अभिनति में अवसादों के जमाव के उपर उठने और मुड़ने से हिमालय पर्वत का निर्माण हुआ।
    3. हिमालय के निर्माण के बाद केटेथिस सागर में अवसादों के निक्षेपण तथा प्रायद्वीपीय पठार के धसने के कारण वृहत् बेसिन का निर्माण हुआ । लाखों वर्षों तक हिमालय की नदियों तथा प्रायदीपीय पठार की नदियों के अवसादों के निक्षेपण से मैदान का निर्माण हुआ । सिंधु, गंगा, ब्रह्मपुत्र और उनकी सहायक नदियों ने एक समतल, उपजाऊ और सघन जलोद अवसादों के निमार्ण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जिसे उतर के मैदान के नाम से जाना जाता है।
    Question 27
    CBSEHHISSH9009738

    उत्तर मैदान और प्रायदीपीय पठार में अन्तर बताएँ।

    Solution

    उत्तर का मैदान:
    1. भूगर्भिक दृष्टि से उत्तर के मैदान का निर्माण वर्तमान भूगर्भिक काल से हुआ है।
    2. उत्तर का मैदान अत्याधुनिक स्थलरूप है।
    3. नदी प्रणालियों ने उत्तर के मैदान को नया रूप और आकार दिया है।
    4. यह उपजाऊ समतल मैदान है।
    5. उत्तर मैदान का निर्माण नदियों द्वारा लाए गए जलोढ़ मृदा से हुआ है।
    6. उत्तर का उपजाऊ मैदान तीन भागों में बंटा है।
    (क) पंजाब के मैदान का निर्माण सिंधु और उसकी सहायक नदियों द्वारा हुआ है।
    (ख) उत्तर भारत में गंगा का मैदान ।
    (ग) असम में ब्रह्मपुत्र का मैदान ।
    7. उतर का मैदान कृषि के उच्च उत्पादन के लिए उपजाऊ और जलोढ़ मृदा से सम्पन्न है।


    प्रायद्वीपीय पठार:

    1. भूगर्भिक दृष्टि से प्रायद्वीपीय पठार गोण्डवाना लैण्ड का एक भाग है। जो प्राचीन वृहत महाद्वीप का दक्षिणी भाग है।
    2. प्रायद्वीपीय पठार प्राचीन भू-भाग हैं।
    3. यह सबसे सुदृढ़ स्थल भाग है।
    4. इस पठारी भाग में चौड़ी तथा छिछली घाटियाँ एवं गोलाकार पहाड़िया हैं । प्रयद्वीपीय पठार एक मेज की आकृति वाला स्थल है।
    5. प्रायद्वीपीय पठार पुराने क्रिस्टलीय आग्नेय तथा रुपान्तरित शैलों से बना है।
    6. प्रायद्वीपीय पठार के दो मुख्य भाग है:
      (क) मध्य उच्च भूमि।
      (ख) दक्कन का पठार।
    7. प्रायद्वीपीय पठार की एक विशेषता यहा पायी जाने वाली काली मृदा है जिसे दक्कन ट्रैप के नाम से भी जाना जाता है।

    Question 28
    CBSEHHISSH9009739

    हिमालय के किस भाग को पूर्वांचल के नाम से जाना जाता हैं? पूर्वांचल हिमालय पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।

    Solution

    ब्रहम्मुत्र नदी हिमालय के पूर्वी सीमा का निर्धारण करती है। दिबांग गार्ज के उपर हिमालय तीक्षण रूप से दक्षिण की ओर मुड़कर भारत के पूर्वी सीमा पर फैला है। जिसे पूर्वांचल केनाम से जाना जाता है। ये समानान्तर श्रेणियों में है। यह मज़बूत बलुआ पत्थर और अवसादी शैलों से बना है।

    हिमालय की अपेक्षा पूर्वांचल पहाड़ियाँ उतनी ऊँची नही है। पहाड़ियाँ और श्रेणियाँ घने वनों से ढ़की हुई हैं। पूर्वांचल की कुछ प्रमुख पहाड़ियाँ है:
    (क) पटकोई बूम और नागा की पहाड़ियाँ।
    (ख) मिज़ो और मणिपुर की पहाड़ियाँ।
    (ग)  मेघालय-बंगलादेश सीमा के साथ गारों, खासी और जयंतिया की पहाड़ियाँ।
    (घ) उतर के डल्फा की पहाड़ियाँ।

    Question 29
    CBSEHHISSH9009740

    प्रायद्वीपीय पठार की महत्वपूर्ण विशेषताओं का वर्णन करें ?

    Solution

    भारत का प्रायद्वीपीय पठार उतरी मैदान के दक्षिण में तथा भारत के दक्षिणी सीरा तक फैला है। प्रायद्वीपीय पठार एक मेज की आकृति वाला स्थल है। जो पुराने क्रिस्टलीय, आग्नेय तथा रुपान्तरित शैलों से बना है। यह त्रिभुजाकार है। यह सबसे प्राचीनतम और स्थाई भूभाग है।

    इस पठार के दो मुख्य भाग है:

    1. मध्य उच्च भाग और 2. दक्कन का पठार

    1. नर्मदा नदी के उत्तर में प्रायद्वीपीय पठार का वह भाग जो कि मालवा के पठार के अधिकतर भागों पर फैला है उसे मध्य उच्चभूमि के नाम से जाना जाता है ।

    2. प्रायद्वीपीय पठार का वह भाग जो नर्मदा नदी के दक्षिण में स्थित हैं जिसे दक्कन के पठार के नाम से जाना जाता है। यह एक त्रिभुजाकार भूभाग है जो उतर में चौड़ा तथा दक्षिणी भाग में पतला होता गया। इसका निर्माण लावा प्रवाह से हुआ है। ज्वालामुखी उद् भेदन के कारण इसका बड़ा भाग बैशाल्ट के शैलों से बना है। इसका विस्तार उतर में सतपुड़ा तक है और महादेव की पहाड़ियाँ, कैमुर की पहाड़ियाँ, मैकाल की पहाड़ियाँ इसके पूर्वोतर विस्तार को दर्शाता है। दक्कन का पठार पश्चिम में पश्चिमी घाट तथा पूर्वी घाट के बीच स्थित है। पश्चिमी घाट की औसतन ऊँचाई लगभग 900 से 1600 मीटर तथा पूर्वी घाट की ऊँचाई 600 मीटर है। इसलीए पठार पश्चिम की ओर ऊँचा तथा पूर्व की ओर ढालू है। दक्कन के पठार के काली मृदा के क्षेत्र को दक्कन ट्रैप के नाम से जाना जाता है।

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