मानव भूगोल के मूल सिद्धांत Chapter 5 प्राथमिक क्रियाएँ
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    NCERT Solution For Class 12 ������������������ मानव भूगोल के मूल सिद्धांत

    प्राथमिक क्रियाएँ Here is the CBSE ������������������ Chapter 5 for Class 12 students. Summary and detailed explanation of the lesson, including the definitions of difficult words. All of the exercises and questions and answers from the lesson's back end have been completed. NCERT Solutions for Class 12 ������������������ प्राथमिक क्रियाएँ Chapter 5 NCERT Solutions for Class 12 ������������������ प्राथमिक क्रियाएँ Chapter 5 The following is a summary in Hindi and English for the academic year 2021-2022. You can save these solutions to your computer or use the Class 12 ������������������.

    Question 1
    CBSEHHIGEH12025302
    Question 3
    CBSEHHIGEH12025304

    फूलों की कृषि क्या कहलाती है?

    Solution

    पुष्पोत्पादन।

    Question 5
    CBSEHHIGEH12025306

    कर्तन और दहन कृषि का दूसरा नाम क्या है?

    Solution

    स्थानान्तरी कृषि ।

    Question 6
    CBSEHHIGEH12025307

    किन्हीं दो प्राथमिक क्रियाओं के उदाहरण दीजिए।

    Solution

    कृषि, मछली - पालन, खनन, आरबेटन ।

    Question 7
    CBSEHHIGEH12025308

    लाल - कॉलर श्रमिक किन्हें कहते हैं?

    Solution

    प्राथमिक क्रियाकलाप में संलग्न लोगों को।

    Question 8
    CBSEHHIGEH12025309

    ऋतु प्रवास किसे कहते हैं?

    Solution

    पशुपालकों का अपने पशुओं के साथ ऋतुवत गमनागमन ऋतु प्रवास कहलाता है।

    Question 9
    CBSEHHIGEH12025310
    Question 10
    CBSEHHIGEH12025311

    ट्रक कृषि क्या है? ट्रक कृषि के दो लक्षण बताइए ।

    Solution

    महानगरों के परिधि स्थित क्षेत्रों में की जानेवाली कृषि - ट्रक कृषि कहलाती है। इसमें मुद्रा मिलने वाली फसले - जैसे सब्जियाँ फल आदि उगाई जाती हैं।

    1. ट्रक फार्म और बाज़ार के मध्य की दूरी जो एक ट्रक रात भर में तय करता है उसके आधार पर इसका नाम ट्रक कृषि रखा गया है।
    2. इस कृषि में सड़को का सुविकसित जाल आवश्यक होता है।

    Question 11
    CBSEHHIGEH12025312

    डेरी कृषि की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?

    Solution
    1. उन्नत प्रकार की कृषि है जिसमें दुधारु पशुओं को पाला जाता है।
    2. अधिक पूँजी की आवश्यकता होती है।
    3. पशुओं को चराने तथा दूध निकालने के लिए पर्याप्त श्रम का होना अनिवार्य है।
    4. पशुओं की देख - रेख पूरे साल करनी पड़ती है और इसमें कोई अंतराल नहीं होता ।
    5. यह मुख्यत: नगरी एवं औद्योगिक केन्द्रों के इर्द -गिर्द की जाती है, क्योंकि इन क्षेत्रों में दूध तथा दुग्ध उत्पादों के लिए उचित बाजार उपलब्ध होता है।
    6. विकसित यातायात, प्रशीतकों का उपयोग, पास्तेरीकरण की सुविधा के कारण विभिन्न डेरी उतपादों को अधिक समय तक रखा जा सकता हैं।
    Question 12
    CBSEHHIGEH12025313

    संगठन के आधार पर कृषि के प्रकार कौन से हैं?

    Solution

    सहकारी कृषि - जिसमें कृषक स्वेच्छा से अपनी भूमि एवं अन्य संसाधन एकत्रित करके सहकारी संस्था बनाते हैं और मिल - जुलकर फसलें उगातें हैं। डेनमार्क, नीदरलैंड, बेल्लियम, स्वीडन एंव इटली में यह सफलतापूर्वक चल रहा है। सबसे अधिक सफलता इसे डेनमार्क में मिली, जहाँ प्रत्येक कृषक इसका सदस्य है।
    सामूहिक कृषि - इसमें उत्पादन के संसाधनों का स्वामित्व समस्त समाज का होता है और श्रम सामूहिक रूप में प्रदान किया जाता है। 1917 की क्रांति के बाद सोवियत संघ में इसे अपनाया। कृषक अपनी भूमि, पशुधन, श्रम आदि सभी संसाधनों का मिलाकर उपयोग करते हैं।

    Question 13
    CBSEHHIGEH12025314

    विश्व में की जानेवाली रोपण कृषि के पाँच प्रमुख लक्षणों की व्यारव्या कीजिए।

    Solution
    1. यह कृषि बड़े - बड़े आकार के फार्मों में की जाती है।
    2. वैज्ञानिक विधियों का प्रयोग किया जाता है।
    3. विरल जनसंख्या वाले क्षेत्रों में की जाती है।
    4. अधिक पूजी निवेश ।
    5. एक फसलीय कृषि
    Question 14
    CBSEHHIGEH12025315

    गहन निर्वाह कृषि और विस्तृत वाणिज्य अनाज कृषि में अन्तर स्पष्ट कीजिए।

    Solution

    गहन निर्वाह कृषि

    1. उच्च जनसंख्या घनत्व के कारण खेतों का आकार छोटा होता है
    2. मशीनों का उपयोग बहुत कम होता है।
    3. भूमि का गहन उपयोग किया जाता है।
    4. प्रति इकाई उत्पादन अधिक परन्तु प्रति कृषक उत्पादन कम होता है।
    5. कृषि का समस्त कार्य कृषक तथा उसके परिवार के सदस्य करते है।

    विस्तुत वाणिज्य अनाज कृषि

    1. मध्य अक्षांशों के अतिरिक अर्ध शुष्क प्रदेशों में की जाती है।
    2. खेतों का आकार बहुत बड़ा होता है।
    3. मशीनों का उपयोग अधिक किया जाता है।
    4. प्रति एकड़ उत्पादन कम होता है परन्तु प्रति व्यक्ति उत्पादन अधिक होता है।
    5. वाणिज्यिक दृष्टि से कृषि की जाती है।

    Question 15
    CBSEHHIGEH12025316

    विश्व की आर्थिक क्रियाओं में वाणिज्यिक पशुधन पालन का सक्षिप्त में विवरण दीजिए।

    Solution
    1. एक ही प्रकार के पशु पाले जाते है।
    2. फार्म स्थायी होते है।
    3. पशुफार्म में पशुधन पालन वैज्ञानिक आधार पर व्यवस्थित किया जाता है।
    4. इसमें मुरव्य ध्यान पशुओं के प्रजनन, जननिक सुधार बीमारियों पर नियन्त्रण एवम् उनके स्वास्थ्य पर दिया जाता है।
    5. उदाहरण: - न्यूजीलैंड, आस्ट्रेलिया आदि ।
    Question 16
    CBSEHHIGEH12025317

    बाज़ार के लिए सब्जी खेती एंव उद्यान कृषि से क्या तात्पर्य है। विश्व में इस प्रकार की कृषि प्रकारों की चार विशेषताएँ लिखिए।

    Solution

    इस प्रकार की कृषि में अधिक मुद्रा मिलने वाली फसले जैसे सब्जियाँ, फल एवं पुष्प लगाए जाते है। जिनकी माँग नगरीय क्षेत्रों में होती है।
    विशेषताएं : -

    1. छोटे खेतों का आकार
    2. गहन श्रम एंव अधिक पूँजी की आवश्यकता होती है।
    3. खेत अच्छे यातायात साधनों के द्वारा नगरीय केंद्रो जहाँ अधिक आय वाले उपभोक्ता रहते हैं।
    4. सिंचाई, उर्वरक, अच्छी किस्म के बीच, कीटनाशक, कृत्रिम ताप का उपयोग ।

    Question 17
    CBSEHHIGEH12025318

    भूमध्य सागरीय कृषि को एक उष्कृष्ट और लाभकारी प्रकार की कृषि क्यों समझी जाती है।

    Solution
    1. यह अति विशिष्ट प्रकार की वाणिज्यिक कृषि है।
    2. अंगूर की कृषि भूमध्यसागरीय क्षेत्र की विशेषता है।
    3. उच्च गुणक्ला वाले अंगूरों की मदिरा और निम्न श्रेणी के अंगूरों को सुखाकर मुनक्का एवं किशमिश बनाई जाती है।
    4. अजीर एंव जैतून भी यहाँ उत्पन्न होता है।
    5. जल यूरोप और स. रा. अमेरिका, में फलों एंव सब्जियों की माँग होती है तब इसी क्षेत्र से पूर्ति की जाती है।

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    Question 18
    CBSEHHIGEH12025319

    रोपण कृषि से क्या अभिप्राय है? यह विश्व के उष्ण और उपोष्ण कटिबंधों में मुख्य रूप से क्यों की जाती है?

    Solution

    बड़े - बड़े फार्मों में आधुनिक तकनीकों की सहायता से की जाने वाली विशिष्टीकृत कृषि जिसमें मुख्यत: चाय, कहवा, रबर, केला, गन्ना आदि उगाई जाती हैं - इन फसलों को मुख्यत: व्यापार के लिए उगाया जाता है और यह पूँजी प्रधान होती है।
    कारण -

    1. गर्म और आर्द्र जलवायु
    2. उपजाऊ मृदा
    3. उच्च जनघनत्व के कारण सस्ते श्रम की उपलब्धता ।
    4. औपनिवेशिक शक्तियों द्वारा उद्योगों के लिए कच्चे माल की प्राप्ति का स्त्रोत ।

    Question 27
    CBSEHHIGEH12025379

    स्यानांतरी कृषि का भविष्य अच्छा नहीं है। विवेचना कीजिए ।

    Solution

    स्थानांतरी कृषि प्राचीन तथा आदिम कालीन पद्धति है। यह उष्ण-आर्द्र वन प्रदेशों में आदिम जातियों द्वारा की गई कृषि है। इस कृषि में लोग अपने भोजन की पूर्ति के लिए एक स्थान से दूसरे स्थान पर कृषि करते हैं। इस कृषि से पर्यावरण का विनाश होता है। इस कृषि में मृदा अपरदन की समस्या गंभीर है तथा भूमि की उपजाऊ शक्ति का ह्रास होता है। इसलिए आधुनिक युग में स्थानांतरी कृषि का क्षेत्र कम हो रहा है। भविष्य में इस कृषि को स्थानबद्ध करने के प्रयत्न किए जा रहे हैं। इसलिए स्थानांतरी कृषि का भविष्य उज्ज्वल नहीं है।

    Question 28
    CBSEHHIGEH12025380

    बज़ारीय सब्जी कृषि नगरीय क्षेत्रों के समीप ही क्यों की जाती है?

    Solution

    इस प्रकार की कृषि में अधिक मुद्रा मिलने वाली फसलें उगाई जाती हैं जिनकी माँग नगरीय क्षेत्रों में अधिक होती है। इस कृषि में खेतों का आकार छोटा होता है एवं खेत अच्छे यातायात के साधनों द्वारा नगरीय केंद्रों से जुड़े होते हैं।

    Question 29
    CBSEHHIGEH12025381

    विस्तृत पैमाने पर डेयरी कृषि का विकास यातायात के साधनों एवं प्रशीतकों के विकास के बाद ही क्यों संभव हो सका है?

    Solution

    डेयरी उत्पाद तथा ट्रक कृषि के उत्पाद; जैसे सब्जियाँ, फल और फूल शीघ्र नष्ट होने वाली वस्तुएँ हैं। इन्हें शीघ्रता से मांग वाले क्षेत्रों में पहुंचाना आवश्यक है। इसलिए सब्जियों तथा फलों को शहरों में पहुंचाने के लिए तीव्र गति से चलने वाले यातायात के साधनों का प्रयोग किया जाता है। इन वस्तुओं को खराब होने से बचाने के लिए कई देशों में ट्रक प्रयोग किए जाते हैं। इस प्रकार इस कृषि की सफलता तथा उपयोगिता तीव्र गति से चलने वाले यातायात के साधनों पर निर्भर करती है।

    Question 30
    CBSEHHIGEH12025382

    चलवासी पशुचारण और वाणिज्य पशुधन पालन में अंतर कीजिए ।

    Solution

    चलवासी तथा व्यापारिक पशुपालन में निम्नलिखित अंतर हैं-

    चलवासी पशुचारण व्यापारिक पशुपालन
    1. चलवासी पशुचारण में चरवाहे चारे तथा जल की तलाश में इधर-उधर घूमते हैं।
    2. चलवासी चरवाहे अविकसित तथा प्राचीन पद्धति से पशुपालन करते हैं।
    3. चलवासी पशुपालन एक जीवन-निर्वाह पद्धति है।
    4. चलवासी पशुचारण में विभिन्न प्रकार के पशुओं को रखा जाता है।
    5. चलवासी पशुपालन में चारा प्राकृतिक रूप से विकसित होता है।
    6. इसमें पशुओं के प्रजनन तथा नस्त सुधार के प्रयास नहीं किए जाते।
    7. चलवासी पशुचारण में पशुओं के स्वास्थ्य की जांच तथा उपचार की व्यवस्था नहीं होती है।
    8. चलवासी पशुचारण अर्धशुष्क प्रदेशों की कठोर जलवायु में होता है।
    9. चलवासी पशुचारण के मुख्य क्षेत्र सहारा, दक्षिणी-पश्चिमी व मध्य एशिया, यूरेशिया में टुंड्रा का दक्षिणी सीमांत व दक्षिणी पश्चिमी अफ्रीका हैं।
    1. व्यापारिक पशुपालन में चारे तथा जल की समुचित व्यवस्था की जाती है तथा चरवाहे स्थायी तौर पर एक ही स्थान पर पशुओं के साथ रहते हैं।
    2. व्यापारिक पशुपालन में आधुनिक पद्धति से पशुपालन किया जाता है।
    3. व्यापारिक पशुपालन में दूध, मांस, खाल, ऊन आदि का उत्पादन होता है जिसका अन्य देशों के साथ व्यापार किया जाता है। अधिक लाभ कमाने के उद्देश्य से उत्पादन किया जाता है।
    4. व्यापारिक पशुपालन में पशुओं को अनुकूल दशाओं के अनुसार रखा जाता है अर्थात् जिस पशु के लिए भौगोलिक दशा अनुकूल हो उनको वहीं रखा जाता है।
    5. व्यापारिक पशुपालन में पशुओं के लिए चारा फार्म में उगाया जाता है।
    6. इस पद्धति में पशुओं के प्रजनन तथा नस्ल सुधार के प्रयास किए जाते हैं।
    7. व्यापारिक पशुपालन में पशुओं के स्वास्थ्य तथा बीमारियों की रोकथाम तथा उपचार की व्यवस्था होती है।
    8. व्यापारिक पशुपालन शीतोष्ण घास के मैदानों में सम जलवायु में होता है।
    9. व्यापारिक पशुपालन के मुख्य क्षेत्र उत्तरी अमेरिका के प्रेयरी, दक्षिणी अमेरिका के लानोस व पम्पास, दक्षिणी अफ्रीका के वेल्ड, ऑस्ट्रेलिया के डाऊन्स व न्यूजीलैंड के घास स्थल हैं।

     

    Question 31
    CBSEHHIGEH12025383

    रोपण कृषि की मुख्य विशेषताएँ बतलाइए एवं भिन्न-भिन्न देशों में उगाई जाने वाली कुछ प्रमुख रोपण फसलों के नाम बतलाइए।

    Solution

    रोपण कृषि की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-

    1. इसमें कृषि क्षेत्र का आकार बहुत विस्तृत होता है।
    2. इसमें अधिक पूँजी, निवेश, उच्च प्रबंधन, तकनीकी आधार एवं वैज्ञानिक विधियों का प्रयोग किया गया है।
    3. यह एक फसली कृषि है जिसमें किसी एक फसल के उत्पादन पर ही संकेंद्रण किया जाता है।
    4. सस्ते श्रमिकों की उपलब्धता रहती है।
    5. यातायात के साधन विकसित होते हैं जिसके द्वारा बागान एवं बाजार सुचारू रूप से जुड़े रहते हैं।

    मुख्य फसलें - यूरोपीय लोगों ने विश्व के अनेक भागों का औपनिवेशीकरण किया तथा कृषि के कुछ अन्य रूप जैसे रोपण कृषि की शुरुआत की। रोपण कृषि की मुख्य फसलें हैं - चाय, कॉफी, कोको, रबड़, गन्ना, कपास, केला एवं अनानास ।

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