भारत में राष्ट्रवाद
असहयोग आंदोलन का आहवान गांधीजी ने क्यों किया ? इसमें कौन-कौन सी विधियाँ अपनायी ?
असहयोग आन्दोलन गाँधी जी के द्वारा चलाया गया एक आन्दोलन था जिसमे अंहिसा के मार्ग को अपनाते हुए गांधीजी ने लोगो से आन्दोलन में साथ देने के लिए आग्रह किया जिसे अंहिसा का मार्ग पर चलते हुए अंग्रेज सरकार के सामने अपने विरोध को जाहिर करना था ।
इसमें अंग्रेजी शासन के साथ असहयोग की भावना स्वदेशी और बहिष्कार - सेना, पुलिस अदालतों, विधान परिषदों - स्कूलों और विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार एवं स्वदेशी वस्तुओं का उत्पादन एवं उपयोग अलंकार और उपाधियों को वापस करना ।
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निम्नलिखित पर अख़बार के लिए रिपोर्ट लिखें:-
जलियाँवाला बाग़ हत्याकांड
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साइमन कमीशन
इस अध्याय में दी गई भारत माता की छवि और अध्याय 1 में दी गई जर्मेनिया की छवि की तुलना कीजिए।
1921 में असहयोग आंदोलन में शामिल होने वाले सभी सामाजिक समूहों की सूची बनाइए। इसके बाद उनमें से किन्हीं तीन को चुन कर उनकी आशाओं और संघर्षों के बारे में लिखते हुए दर्शाइए कि वे आंदोलन में शामिल क्यों हुए ?
नमक यात्रा की चर्चा करते हुए स्पष्ट करें कि यह उपनिवेशवाद के ख़िलाफ़ प्रतिरोध का एक असरदार प्रतीक था।
कल्पना कीजिए कि आप सिविल नाफ़रमानी आंदोलन में हिस्सा लेने वाली महिला हैं। बताइए कि इस अनुभव का आपके जीवन में क्या अर्थ होता।
राजनीतिक नेता पृथक निर्वाचिका के सवाल पर क्यों बँटे हुए थे।
1919 में प्रस्तावित रॉयल एक्ट के खिलाफ गाँधीजी ने राष्ट्रव्यापी सत्याग्रह आंदोलन चलाने का फैसला क्यों लिया? कोई तीन कारण स्पष्ट कीजिए।
स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान राष्ट्रवाद को साकार करने में लोक कथाओं, गीतों एवं चित्रों आदि के योगदान का मूल्यांकन कीजिए।
यूरोप में उन्नीसवीं सदी के दौरान नारी की छवि किस प्रकार राष्ट्र का रूपक बनी। विश्लेषण कीजिए।
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