कल्पना कीजिए कि आप सिविल नाफ़रमानी आंदोलन में हिस्सा लेने वाली महिला हैं। बताइए कि इस अनुभव का आपके जीवन में क्या अर्थ होता।
सिविल नाफ़रमानी आंदोलन में हिस्सा लेने वाली महिला के जीवन में इस अनुभव का अर्थ निम्नलिखित मायने रखता है-
(i) महिला पर्दा प्रथा का त्याग करके संघर्ष करने के लिए घर से बाहर आती।
(ii) समाजिक बुराईयों जैसे नशा, दहेज, भ्रूण हत्या के विरुद्ध आंदोलनों का नेतृत्व करती।
(iii) सामाजिक अन्याय के प्रतीक कानूनों का उल्लंघन कर अपनी शक्ति का परिचय देती।
(iv) राष्ट्रीय सेवा में बढ़-चढ़कर भाग लेती।
(v) घर के चूल्हे-चौके से बाहर निकलकर समाज सेवा की बीड़ा उठाती।
(vi) किसी भी सामाजिक अत्याचार के खिलाफ एक सशक्त आवाज बन जाती।