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भारत में राष्ट्रवाद

Question
CBSEHHISSH10018384

राजनीतिक नेता पृथक निर्वाचिका के सवाल पर क्यों बँटे हुए थे।   

Solution

जब सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू हुआ उस समय समुदायों के बीच संदेह और अविश्वास का माहौल बना हुआ था।

(i) बहुत सारे दलित नेता अपने समुदाय की समस्याओं का अलग राजनीतिक हल ढूंढना चाहते थे। वे खुद को संगठित करने लगे, उन्होंने शिक्षा संस्थानों में आरक्षण के लिए आवाज उठाई और अलग निर्वाचन क्षेत्रों की बात कही ताकि वहां से विधाई परिषदों के लिए केवल दलितों को ही चुनकर भेजा जा सके। उनका मानना था कि सामाजिक अपंगता केवल राजनीतिक सशक्तीकरण से ही दूर हो सकती है।

(ii) उनका मत था कि दलितों के लिए अलग निर्वाचन क्षेत्रों की व्यवस्था से समाज में उनके एकीकरण की प्रक्रिया धीमी पड़ जाएगी।

(iii) बहुत सारे मुस्लिम नेता और बुद्धिजीवी भारत में अल्पसंख्यको के रूप में मुसलमानों की हेसियत को लेकर चिंता जता रहे थे। मोहम्मद अली जिन्ना का कहना था कि अगर मुसलमानों को केंद्र सभा में आरक्षित सीटें दी जाएँ और मुस्लिम बहुल प्रांतों में मुसलमानों को आबादी के अनुपात में प्रतिनिधित्व दिया जाए तो वे मुसलमानों के लिए पृथक निर्वाचिका की माँग छोड़ने के लिए तैयार हैं ।

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निम्नलिखित पर अख़बार के लिए रिपोर्ट लिखें:- 
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निम्नलिखित पर अख़बार के लिए रिपोर्ट लिखें:-
साइमन कमीशन 


 

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