सत्याग्रह के विचार का क्या मतलब हैं?
महात्मा गांधी ने जन आंदोलन के रास्ते पर चलते हुए दक्षिण अफ्रीका की नस्ल भेदी सरकार से सफलतापूर्वक लोहा लिया था इस पद्धति को वह सत्याग्रह कहते थे।
(i) सत्याग्रह के विचार में सत्य की शक्ति पर आग्रह और सत्य की खोज हो ज़ोर दिया जाता था। इसका अर्थ यह था कि अगर आप का उद्देश्य सच्चा है, यदि आपका संघर्ष अन्याय के विरुद्ध है तो उत्पीड़क से मुकाबला करने के लिए आपको किसी शारीरिक बल की जरूरत नहीं है।
(ii) उत्पीड़न शत्रु को ही नहीं बल्कि सभी लोगों को हिंसा के द्वारा सत्य को स्वीकार करने पर मजबूर करने की अपेक्षा सच्चाई को देखने और सहज भाव से स्वीकार करने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए।
(iii) प्रतिशोध की भावना या आक्रामकता का सहारा लिए बिना सत्याग्रही केवला अहिंसा के सहारे भी अपने संघर्ष में कामयाब हो सकता है। इसके लिए दमनकारी शत्रु की चेतना को झिंझोड़ना चाहिए।
(iv) इस संघर्ष में अंततः सत्य की ही जीत होती है। गांधी जी का विश्वास था की अहिंसा का यह धर्म सभी भारतीयों को एकता के सूत्र में बाँध सकता है।



