यूरोप में उन्नीसवीं सदी के दौरान नारी की छवि किस प्रकार राष्ट्र का रूपक बनी। विश्लेषण कीजिए।
नारी की छवि राष्ट्र के रूपक के रूप में:- कलाकारों ने राष्ट्र को व्यक्ति के रूप में व्यक्त करने का उपाय निकाला। उस समय राष्ट्रों को नारी भेष में प्रस्तुत किया गया। राष्ट्र को व्यक्ति का जामा पहनाते हुए जिस नारी रूप को चुना गया, वह जीवन में कोई खास महिला नहीं थी। यह तो राष्ट्र के अमूर्त विचार को ठोस रूप प्रदान करने का प्रयास था। इस प्रकार नारी की छवि राष्ट्र का रूपक बन गई। फ्रांसीसी क्रान्ति के दौरान कलाकारों ने स्वतंत्रता, न्याय और गणतंत्र जैसे विचारों को व्यक्त करने के लिए नारी रूपक का प्रयोग किया।



