उपन्यास,समाज और इतिहास
औपनिवेशिक भारत में उपन्यास किस तरह उपनिवेशकारों और राष्ट्रवादियों, दोनों के लिए लाभदायक था?
उपनिवेशकारों को लाभ: (i)औपनिवेशिक सरकार को उपन्यासों में देसी जीवन में रीति-रिवाज़ से जुड़ी जानकारी का बहु मूल्य स्त्रोत नज़र आया। विभिन्न प्रकार के समुदायों व जातियों वाले भारतीय समाज पर शासन करने के लिए इस तरह की जानकारी उपयोगी सिद्ध हुई।
(ii) कई अंग्रेज़ उपन्यासकारों ने अपनी कृतियों में भारतीयों को कमजोर, विवादित तथा अयोग्य सिद्ध करने का प्रयास किया और उन्होंने यह सिद्ध करने की कोशिश की कि भारतीयों को सभ्य बनाना और उन्हें योग्य शासन उपलब्ध कराना अंग्रेजों का उत्तरदायित्व है।
राष्ट्रवादियों को लाभ:
(i) हिंदुस्तान ने उपन्यासों का प्रयोग समाज में फैली बुराइयों की आलोचना करने और उन बुराइयों को दूर करने के इलाज सुलझाने के लिए किया।
(ii) चूँकि उपन्यासों में एक ही तरह की भाषाएँ थीं, इन्होंने एक भाषा के आधार पर एक अलग किस्म की सामूहिकता की भावना पैदा की।
(iii) उपन्यासों के प्रकाशन के कारण पहली बार भाषाई विविधताएँ (स्थानीय, क्षेत्रीय) छपाई की दुनिया में दाखिल हुई।
(iv) जिस तरह से चरित्र उपन्यास में बोलते थे उससे उनके क्षेत्र, भाषा या जाति का अनुमान लगाया जा सकता था। इस प्रकार, उपन्यास के जरिए लोगों को पता चला कि उनके इलाके के लोग उनकी भाषा किस तरह अलग ढंग से बोलते हैं।
(v) नील दर्पण और आनंदमठ जैसे उपन्यासों ने भारतीयों के दमन की सही तस्वीर को उभरा तथा अंग्रेज़ो के खिलाफ़ राजनीतिक आंदोलनों को खड़ा करने में पोषक का कार्य किया।
Sponsor Area
तकनीक और समाज में आए उन बदलावों के बारे में बतलाइए जिनके चलते अठारहवीं सदी के यूरोप में उपन्यास पढ़ने वालों की संख्या में वृद्धि हुई।
निम्नलिखित पर टिप्पणी लिखें-
उड़िया उपन्यास
उन्नीसवीं सदी के ब्रिटेन में आए ऐसे कुछ सामाजिक बदलावों की चर्चा करें जिनके बारे में टॉमस हार्डी और चार्ल्स डिकेन्स ने लिखा है।
उन्नीसवीं सदी के यूरोप और भारत, दोनों जगह उपन्यास पढ़ने वाली औरतों के बारे में जो चिंता पैदा हुई उसे संक्षेप में लिखें। इन चिंताओं से इस बारे में क्या पता चलता है कि उस समय औरतों को किस तरह देखा जाता था?
औपनिवेशिक भारत में उपन्यास किस तरह उपनिवेशकारों और राष्ट्रवादियों, दोनों के लिए लाभदायक था?
इस बारे में बताएँ कि हमारे देश में उपन्यासों में जाति के मुद्दे को किस तरह उठाया गया। किन्हीं दो उपन्यासों का उदहारण दें और बताएँ कि उन्होंने पाठको को मौजूदा सामाजिक मुद्दों के बारे में सोचने को प्रेरित करने के लिए क्या प्रयास किए।
बताइए कि भारतीय उपन्यासों में एक अखिल भारतीय जुड़ाव का अहसास पैदा करने के लिए किस तरह की कोशिशें की गई।
Sponsor Area
Sponsor Area