उपन्यास,समाज और इतिहास
इनकी व्याख्या करें:
ब्रिटेन में आए सामाजिक बदलावों से पाठिकाओं की संख्या में इज़ाफा हुआ।
ब्रिटेन में 18वीं सदी में आए निम्नलिखित सामाजिक बदलावों की वजह से पाठिकाओं की संख्या में इज़ाफा हुआ-
(i) उपन्यास से सम्बंधित सबसे भली बात तो यह हुई की महिलाएँ उससे जुड़ीं। अठारहवीं सदी में मध्यवर्ग और संपन्न हुए।
(ii)महिलाओं को उपन्यास पढ़ने और लिखने का अवकाश मिल सका। अत: उपन्यासों में महिला जगत को, उसकी भावनाओं, उसके तज़ुर्बे, मसलों और उसकी पहचान से जुड़े मुद्दों को समझा-सराहा जाने लगा।
(iii) कई सारे उपन्यास घरेलू ज़िन्दगी पर केंद्रित थे। इनमें महिलाओं को अधिकार के साथ बोलने का अवसर मिला। अपने अनुभवों को आधार बनाकर उन्होंने पारिवारिक जीवन की कहानियाँ रचते हुए अपनी सार्वजनिक पहचान बनाई।
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तकनीक और समाज में आए उन बदलावों के बारे में बतलाइए जिनके चलते अठारहवीं सदी के यूरोप में उपन्यास पढ़ने वालों की संख्या में वृद्धि हुई।
निम्नलिखित पर टिप्पणी लिखें-
उड़िया उपन्यास
उन्नीसवीं सदी के ब्रिटेन में आए ऐसे कुछ सामाजिक बदलावों की चर्चा करें जिनके बारे में टॉमस हार्डी और चार्ल्स डिकेन्स ने लिखा है।
उन्नीसवीं सदी के यूरोप और भारत, दोनों जगह उपन्यास पढ़ने वाली औरतों के बारे में जो चिंता पैदा हुई उसे संक्षेप में लिखें। इन चिंताओं से इस बारे में क्या पता चलता है कि उस समय औरतों को किस तरह देखा जाता था?
औपनिवेशिक भारत में उपन्यास किस तरह उपनिवेशकारों और राष्ट्रवादियों, दोनों के लिए लाभदायक था?
इस बारे में बताएँ कि हमारे देश में उपन्यासों में जाति के मुद्दे को किस तरह उठाया गया। किन्हीं दो उपन्यासों का उदहारण दें और बताएँ कि उन्होंने पाठको को मौजूदा सामाजिक मुद्दों के बारे में सोचने को प्रेरित करने के लिए क्या प्रयास किए।
बताइए कि भारतीय उपन्यासों में एक अखिल भारतीय जुड़ाव का अहसास पैदा करने के लिए किस तरह की कोशिशें की गई।
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