डायरी के पन्ने
ऐन फ्रैंक ने अपनी डायरी ‘किट्टी’ को संबोधित चिट्ठी के रूप में क्यों लिखी होगी?
ऐन की डायरी पढ़ने से हमें पता चलता है कि वह संवेदनशील एवं अंतर्मुखी लड़की थी। वह एक जगह कहती है कि “मैं सचमुच उतनी घमंडी नहीं हूँ जितना लोग मुझे समझते हैं।” इसी प्रकार वह यह भी कहती है कि “काश, कोई तो होता जो मेरी भावनाओं को गंभीरता से समझ पाता। अफसोस, ऐसा व्यक्ति अब तक नहीं मिला है इसलिए तलाश जारी रहेगी।” स्पष्ट है कि ऐन की बातों को समझने की क्षमता न तो उसके परिवार के किसी सदस्य में थी और न ही साथ रहने वाले दूसरे लोगों में। वह कहती भी है कि “किसी और की तुलना में वह अपनी कई कमजोरियों और खामियों को बेहतर तरीके से जानती है।” स्पष्ट है कि वह खुद को औरों से बेहतर समझती है। अपनी डायरी में अपनी गुड़िया को वह पत्र लिखती है। गुड़िया को पत्र लिखते हुए अपरोक्ष रूप से वह खुद से ही बातें करती है। वह जानती है कि जिन बातों को वह लिख रही है, शायद उन्हें दूसरे व्यक्ति ठीक ढंग से न समझ पायें। इसीलिए उसे अपनी गुड़िया को संबोधित करते हुए पत्र लिखना पड़ा।
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ऐन को बुधवार तक अपनी जिंदगी में आये बड़े परिवर्तन के बारे में सोचने का अवसर क्यों नहीं मिला?
19 मार्च, 1941 वाले पन्ने पर ऐन ने हिटलर और एक सैनिक की बातचीत को प्रस्तुत किया है। इस बातचीत से आप जर्मनी के सैनिकों के बारे में क्या अनुमान करते हैं?
अज्ञातवास में रहते हुए भी ऐन फिल्मों के प्रति अपनी रुचि एवं जानकारी कैसे बनाये रखती है?
ऐन अपनी सहायता करने वाले लोगों के बारे में क्या विचार व्यक्त करती है?
ऐन ने अन्तर्राष्ट्रीय राजनीतिक संबंधों के बारे में भी टिप्पणी की है। सिद्ध कीजिए।
डच मंत्री की किस घोषणा से ऐन रोमांचित हो उठी?
डचों की नैतिकता पर ऐन की टिप्पणी बताइए।
अज्ञातवास के दिनों का वर्णन ऐन ने कैसे किया है?
इस पाठ में किस डायरी का उल्लेख है?
ऐन के साथ कौन-कौन से लोग छुपे हुए थे?
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