डचों की नैतिकता पर ऐन की टिप्पणी बताइए।
ऐन ने लिखा है कि डच नैतिक नहीं हैं। उनकी नैतिकता बेहद खराब है। एक हफ्ते का राशन दो दिन भी नहीं चल पाता। वे पुरुषों को जबर्दस्ती जर्मनी भेज रहे हैं। बच्चे बीमार हैं तथा भूखे हैं, परंतु उनकी तरफ कोई ध्यान नहीं देता। जूतों की कमी के कारण कालाबाजारी शुरु हो गई है। ब्लैक मार्किट में जूते का तला 7.50 गिल्डर में मिल रहा है। इस मुसीबत की घड़ी का डच लोग नाजायज फायदा उठा रहे हैं।