“ऐन की डायरी अगर एक ऐतिहासिक दौर का जीवंत दस्तावेज़ है, तो साथ ही उसके निजी सुख-दुःख और भावनात्मक उथल-पुथल का भी। इन पृष्ठों में दोनों का फर्क मिट गया है।” इस कथन पर विचार करते हुए अपनी सहमति या असहमति तर्कपूर्वक व्यक्त करें।
ऐन यहूदी परिवार की होने के कारण हिटलर की नस्लवादी नीति से प्रभावित हुई थी। उसको अपने परिवार के साथ दो वर्ष तक एक गुप्त आवास में छुपे रहना पड़ा था। जब वह गुप्त आवास के लिए गई तो उस समय उसकी आयु तेरह साल ही थी। तेरह साल की उम्र में जीवन के घनघोर संकट का सामना, अपने आप में जिजीविषा का प्रमाण है। ऐन की संवेदना का विकास छुपने से पहले ही हो चुका था। उसके भीतर अपने व्यक्तित्व की पहचान आदि को लेकर उथल-पुथल पहले से चलती रही थी। वह व्यक्तिगत जीवन पारिवारिक जीवन और सामाजिक जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझने का प्रयास करती है। गुप्त आवास में रहने की स्थिति का निर्माण, हिटलर के कारण ऐतिहासिक हो जाता है। यदि उस समय हिटलर नस्लवाद का नंगा नाच नहीं करता तो लोगो का जीवन इतना कठिन नहीं होता। ऐन को उस अनुभव से नहीं गुजरना पड़ता ऐन ने अपने जीवन के जिन दो वर्षो को गुप्त रहकर बिताया, वह दोनों वर्ष उसके ही थे, लेकिन इन दो वर्षो के जीवन पर सामयिक इतिहास का भी असर था। ऐन ने इस जटिल स्थिति को गहराई से महसूस किया था। शायद इसीलिए वह डायरी में अपनी व्यक्तिगत जीवन की मानसिक उथल-पुथल के साथ युद्ध और राजनीति से जुड़ी बातें भी व्यक्त करती है। उसके विचार एक पीड़ित के विचार हैं। इस तरह दोनों का अंतर मिट जाता है।