अज्ञातवास में रहते हुए भी ऐन फिल्मों के प्रति अपनी रुचि एवं जानकारी कैसे बनाये रखती है?
रविवार के दिन ऐन अपने प्रिय फिल्मी कलाकारों की तस्वीरें अलग करती है और उन्हें देखती थी। उसका संग्रह अच्छा हो चुका था। उसके शुभचिंतक मिस्टर कुगलर, सोमवार के दिन उसके सिनेमा एंड थियेटर पत्रिका की प्रति ले आते थे। घर के बाकी लोग इसे पैसे की बर्बादी मानते थे। इसका फायदा यह हुआ कि ऐन को साल भर के बाद भी सभी फिल्मी कलाकारों के नाम सही-सही याद थे। उसके पिता के अफिस में काम करने वाली फिल्म देखने जाती तो वह उन फिल्मों के बारे में भी बता देती थी। उसकी इस रुचि से सभी अचंभित रहते थे।