ऐन को बुधवार तक अपनी जिंदगी में आये बड़े परिवर्तन के बारे में सोचने का अवसर क्यों नहीं मिला?
ऐन का परिवार उसके पिता के ऑफिस में हुए कुछ कमरों में आ गया था। आने से पहले वहाँ किसी तरह की साफ-सफाई या व्यवस्था नहीं हो पायी थी। बैठक और दूसरे कमरों में सारा सामान बिखरा पड़ा था। रात को ढंग से सोने के लिए साफ-सफाई एवं सामानों को व्यवस्थित करने का कार्य करना आवश्यक था। ऐन की माँ और बहन बुरी तरह थक गयी थीं। ऐन और उसके पिता ने मिलकर दो दिनों तक सफाई एवं सामान व्यवस्थित करने का कार्य किया। इस तरह दोनों, दो दिनों तक काम में ही जुटे रहे और ऐन को अपनी जिदंगी में आये बड़े परिवर्तन के बारे में सोचने की फुर्सत नहीं मिली थी।