डायरी के पन्ने
‘डायरी के पन्ने’ पाठ के आधार पर ऐन के व्यक्तित्व की तीन विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
‘डायरी के पन्ने’ पाठ के आधार पर ऐन के व्यक्तित्व की तीन विशेषताएँ इस प्रकार हैं:
(i) चिंतन मननशील स्वभाव: ऐन सोचती- विचारती है। यद्यपि उसकी आयु बहुत कम है फिर भी वह अपने सामने उपस्थित परिस्थितियों पर काफी सतर्क दृष्टि रखती है।
(ii) बौद्धिक रूप से सक्रिय: ऐन नाजियों के यातना-शिविर में रहकर भी बौद्धिक रूप से सक्रिय बनी रही। तभी वह अपने अनुभवों को डायरी के रूप में लिखने में सफल हो पाई है।
(iii) स्तियों को शिक्षा एवं उनके विकास की पक्षधर: पहले की स्त्रियाँ बेवकूफ थीं क्योंकि वे पुरुष की कमाई पर आश्रित रहती थीं। यदि महिलाएँ शिक्षित होंगी तो उन्हें पूरा सम्मान मिल सकेगा। शहीदों का तो सम्मान किया जाता है पर औरतों को सैनिक जैसा सम्मान नहीं मिलता।
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“ऐन की डायरी अगर एक ऐतिहासिक दौर का जीवंत दस्तावेज़ है, तो साथ ही उसके निजी सुख-दुःख और भावनात्मक उथल-पुथल का भी। इन पृष्ठों में दोनों का फर्क मिट गया है।” इस कथन पर विचार करते हुए अपनी सहमति या असहमति तर्कपूर्वक व्यक्त करें।
ऐन ने अपनी डायरी ‘किट्टी’ (एक निर्जीव गुड़िया) को संबोधित चिट्ठी की शक्ल में लिखने की जरूरत क्यों महसूस की होगी?
ऐन के साथ कौन-कौन से लोग छुपे हुए थे?
ऐन ने अपने थैले में कौन-कौन से अजीबोगरीब चीजें भरीं और क्यों?
ऐन अधिक से अधिक कपड़े ले जाने के लिए क्या करती है, और क्यों?
ऐन के मम्मी और पापा ने अज्ञातवास में जाने की तैयारी कब और कैसे शुरू की थी?
ऐन को बुधवार तक अपनी जिंदगी में आये बड़े परिवर्तन के बारे में सोचने का अवसर क्यों नहीं मिला?
19 मार्च, 1941 वाले पन्ने पर ऐन ने हिटलर और एक सैनिक की बातचीत को प्रस्तुत किया है। इस बातचीत से आप जर्मनी के सैनिकों के बारे में क्या अनुमान करते हैं?
अज्ञातवास में रहते हुए भी ऐन फिल्मों के प्रति अपनी रुचि एवं जानकारी कैसे बनाये रखती है?
ऐन अपनी सहायता करने वाले लोगों के बारे में क्या विचार व्यक्त करती है?
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