डायरी के पन्ने
ऐन के परिवार को अज्ञातवास में जाने के लिए क्यों मजबूर होना पड़ा?
पेन के पिता हालैंड में रहते थे। वहाँ पर जर्मन शासक हिटलर का प्रभाव स्थापित हो गया था। हालैंड में रहने वाले यहूदी परिवारों को भी हिटलर की नस्लवादी जहर का प्रभाव झेलना पड़ा। हजारों यहूदी नाजी यातना शिविरों में बन्द कर दिये गये थे। ऐन का परिवार भी यहूदी धर्म का अनुयायी था। कुछ समय तक इस परिवार का जीवन सामान्य ढंग से चलता रहा। एक दिन ऐन को अपनी बड़ी बहन मार्गोट से पता चलता है कि उसके पापा को ए. एस. एस. से बुलाए जाने का नोटिस मिला है। यह बुलावा यातना का बुलावा होता था। ऐन को बाद में पता चलता है कि यह बुलावा उसके पापा के लिए नहीं था बल्कि वह बुलावा तो उसकी सोलह वर्ष की बहन मार्गोट के लिए ही था। ऐन के लिए यह बड़ा सदमा था। उसका परिवार इस घटना की गंभीरता को समझता था इसीलिए वे तुरन्त छिप जाना चाहते थे। इस तरह उन्हें अज्ञातवास में जाने के लिए मजबूर होना पड़ा।
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ऐन अधिक से अधिक कपड़े ले जाने के लिए क्या करती है, और क्यों?
ऐन के मम्मी और पापा ने अज्ञातवास में जाने की तैयारी कब और कैसे शुरू की थी?
ऐन को बुधवार तक अपनी जिंदगी में आये बड़े परिवर्तन के बारे में सोचने का अवसर क्यों नहीं मिला?
19 मार्च, 1941 वाले पन्ने पर ऐन ने हिटलर और एक सैनिक की बातचीत को प्रस्तुत किया है। इस बातचीत से आप जर्मनी के सैनिकों के बारे में क्या अनुमान करते हैं?
अज्ञातवास में रहते हुए भी ऐन फिल्मों के प्रति अपनी रुचि एवं जानकारी कैसे बनाये रखती है?
ऐन अपनी सहायता करने वाले लोगों के बारे में क्या विचार व्यक्त करती है?
ऐन ने अन्तर्राष्ट्रीय राजनीतिक संबंधों के बारे में भी टिप्पणी की है। सिद्ध कीजिए।
डच मंत्री की किस घोषणा से ऐन रोमांचित हो उठी?
डचों की नैतिकता पर ऐन की टिप्पणी बताइए।
अज्ञातवास के दिनों का वर्णन ऐन ने कैसे किया है?
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