डायरी के पन्ने
ऐन को बुधवार तक अपनी जिंदगी में आये बड़े परिवर्तन के बारे में सोचने का अवसर क्यों नहीं मिला?
ऐन का परिवार उसके पिता के ऑफिस में हुए कुछ कमरों में आ गया था। आने से पहले वहाँ किसी तरह की साफ-सफाई या व्यवस्था नहीं हो पायी थी। बैठक और दूसरे कमरों में सारा सामान बिखरा पड़ा था। रात को ढंग से सोने के लिए साफ-सफाई एवं सामानों को व्यवस्थित करने का कार्य करना आवश्यक था। ऐन की माँ और बहन बुरी तरह थक गयी थीं। ऐन और उसके पिता ने मिलकर दो दिनों तक सफाई एवं सामान व्यवस्थित करने का कार्य किया। इस तरह दोनों, दो दिनों तक काम में ही जुटे रहे और ऐन को अपनी जिदंगी में आये बड़े परिवर्तन के बारे में सोचने की फुर्सत नहीं मिली थी।
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“ऐन की डायरी अगर एक ऐतिहासिक दौर का जीवंत दस्तावेज़ है, तो साथ ही उसके निजी सुख-दुःख और भावनात्मक उथल-पुथल का भी। इन पृष्ठों में दोनों का फर्क मिट गया है।” इस कथन पर विचार करते हुए अपनी सहमति या असहमति तर्कपूर्वक व्यक्त करें।
ऐन ने अपनी डायरी ‘किट्टी’ (एक निर्जीव गुड़िया) को संबोधित चिट्ठी की शक्ल में लिखने की जरूरत क्यों महसूस की होगी?
ऐन के साथ कौन-कौन से लोग छुपे हुए थे?
ऐन ने अपने थैले में कौन-कौन से अजीबोगरीब चीजें भरीं और क्यों?
ऐन अधिक से अधिक कपड़े ले जाने के लिए क्या करती है, और क्यों?
ऐन के मम्मी और पापा ने अज्ञातवास में जाने की तैयारी कब और कैसे शुरू की थी?
ऐन को बुधवार तक अपनी जिंदगी में आये बड़े परिवर्तन के बारे में सोचने का अवसर क्यों नहीं मिला?
19 मार्च, 1941 वाले पन्ने पर ऐन ने हिटलर और एक सैनिक की बातचीत को प्रस्तुत किया है। इस बातचीत से आप जर्मनी के सैनिकों के बारे में क्या अनुमान करते हैं?
अज्ञातवास में रहते हुए भी ऐन फिल्मों के प्रति अपनी रुचि एवं जानकारी कैसे बनाये रखती है?
ऐन अपनी सहायता करने वाले लोगों के बारे में क्या विचार व्यक्त करती है?
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