जूझ
कविता-सृजन का आत्म विश्वास लेखक के मन में कैसे आया? ‘जूझ’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
कविता-सृजन का आत्म-विश्वास लेखक के मन में इस प्रकार आया:
1. वह सौंदलगेकर की मालती की बेल पर की गई कविता से लेखक प्रेरित हुआ। उसे कवि भी सामान्य मनुष्यों की तरह लगे।
2. लेखक ने वह लता और कविता दोनों देखीं।
3. लेखक ने गाँव खेत और आस-पास के दृश्य पर कविता बनाना का प्रयास किया।
4. भैंस चराते-चराते वह फसलों और फूलों पर तुकबंदी करने लगा।
5. लकड़ी से भैंस की पीठ पर और कंकड़ से पत्थर की शिला पर कविता लिखता।
6. जब वह कविता बन जाती तो अगले दिन मास्टर को दिखाता।
7. मास्टर कविता की भाषा-शैली आदि बताते।
8. धीरे-धीरे लेखक मास्टर के करीब आ गया और उसे शब्दों का नशा चढ़ने लगा।
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कविता के प्रति लगाव से पहले और उसके बाद अकेलेपन के प्रति लेखक की धारणा में क्या बदलाव आया?
अथवा
‘जूझ’ कहानी के आधार पर बताइए कि कविता के प्रति लगाव से पहले और उसके बाद अकेलेपन के प्रति लेखक की धारणा में क्या बदलाव आया?
आपके ख्याल से पढ़ाई-लिखाई के संबंध में लेखक दत्ता जी राव का रवैया सही था या लेखक के पिता का? तर्क सहित उत्तर दीजिए।
अथवा
आपके विचार से पड़ाई-लिखाई के संबंध में ‘जूझ’ पाठ के लेखक और दत्ता जी राव का रवैया सही था या लेखक के पिता का? तर्क सहित उत्तर दीजिए।
दत्ता जी राव से पिता पर दबाव डलवाने के लिए लेखक और उसकी माँ को एक झूठ का सहारा लेना पड़ा। यदि झूठ का सहारा न लेना पड़ता, तो आगे का घटनाक्रम क्या होता? अनुमान लगाएँ।
लेखक अपने पिता से पढ़ने जाने के लिए क्यों नहीं कह पाता था?
लेखक के पिता, लेखक से क्या चाहते थे? लेखक उनकी बात को क्यों नहीं मानता है?
लेखक के पिता जल्दी ईख पेरना क्यों चाहते हैं? लेखक का विचार इस संबंध में क्या है?
लेखक की माँ का उसके पिता के बारे में क्या सोचना था? उसकी माँ ने उसका साथ किस प्रकार दिया?
दत्ता जी राव के पास जाने के बाद लेखक की माँ ने उन्हें किस बात का विश्वास दिलाया?
लेखक ने दत्ताजी राव को किस बात का विश्वास दिलाया?
दत्ता जी राव के सामने लेखक के पिता ने उसकी पढ़ाई रोक देने के क्या कारण बताये हैं?
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