लेखक की माँ का उसके पिता के बारे में क्या सोचना था? उसकी माँ ने उसका साथ किस प्रकार दिया?
लेखक की माँ, उसके पिता यानि अपने पति के व्यवहार को अच्छी तरह जानती थी। वह जानती थी कि उसको पढ़ना बिलकुल अच्छा नहीं लगता है। पढ़ाई की बात से ही वह खतरनाक जानवर की तरह गुर्राता है। इसके लिए वह उसे ‘बरहेला सूअर’ कहती है। फिर भी उसने अपने बेटे का साथ देने का निर्णय किया। वह उसके साथ दत्ता जी राव के पास जाने के लिए तैयार हो गई।