दुबारा पाठशाला जाने के बाद लेखक का पहले दिन का अनुभव कैसा रहा?
दुबारा पाठशाला जाने के बाद लेखक का पहले दिन का अनुभव बहुत खराब था। उसे अपने से कम उम्र के बच्चों के साथ बैठना पड़ा। इन लडुकों को वह अपने से कम अक्ल का समझता था। कक्षा के सबसे शरारती लड़के सहगल ने उसकी खिल्ली उड़ाई। खिल्ली उड़ाने के बाद उसने लेखक का गमछा भी खींच लिया। वह गमछा फट जाने की आशंका से डर गया। इसी प्रकार बीच की छुट्टी में उसकी धोती की काछ भी खींचने की कोशिश उछ लड़के ने दोबारा की। उसे अपनी कक्षा पराई सी लगने लगी।