लेखक के पिता जल्दी ईख पेरना क्यों चाहते हैं? लेखक का विचार इस संबंध में क्या है?
लेखक के पिता की समझ थी कि अगर ईख पेरना के लिए जल्दी शुरू कर दिया जाय तो ईख की अच्छी खासी कीमत मिल जाती है। लेखक भी उनकी इस सोच को सही बताता है। सभी के कोख चलाने पर बाजार में गुड की अधिकता हो जाती है। गुड का भाव गिर जाता है। गुड की किस्में भी अधिक हो जाती हैं। लेखक के पिता का गुड उम्दा किस्म का नहीं होता। इसलिए पहले ईख पेरवा सही निर्णय है।