लेखक के पिता, लेखक से क्या चाहते थे? लेखक उनकी बात को क्यों नहीं मानता है?
लेखक के पिता चाहते थे कि वह खेती का काम करे। वह उसकी पढ़ाई नहीं होने देना चाहते थे। लेखक खेती के महत्त्व को अच्छी तरह समझ रहा था। वह जानता था कि खेती में पूरा जीवन गँवा देने के बाद भी कुछ लाभ नहीं होगा। खेती का महत्त्व लगातार कम हो रहा था। दादा जी के समय खेती का महत्व बहुत अधिक था। पिता के समय में यह महत्त्व कम हो गया और आज के समय में यह खेती लोगों को गड्ढे में धकेल रही है। लोगों के जीवन को कठिन बना रही है। वह पढ़ना चाहता था, जिससे पैसे कमा सके। बाद में वह कुछ व्यापार आदि भी कर सके।