लेखक अपने पिता से पढ़ने जाने के लिए क्यों नहीं कह पाता था?
लेखक का मन पढ़ने के लिए तड़पता था, लेकिन वह अपने पिता से बहुत डरता था। अपने पिता के सामने यह कहने की हिम्मत उसमें नहीं थी कि वह पढ़ने जाना चाहता है। उसे डर था कि उसके पिता मार-मारकर उसकी हड्डी पसली एक कर देंगे।