जूझ
लेखक को मास्टर की छड़ी की मार अच्छी क्यों लगती है?
लेखक को पढ़ना सबसे अच्छा लगता है। वह उसके लिए कुछ भी सहने के लिए तैयार रहता था। अपने पिता की सारी शर्तें मान लेता है। इसी तरह उसे खेती की काम की चक्की में पिसने की जगह मास्टर की हड्डी की मार सहना अच्छा लगता था क्योंकि इस काम में उसकी रुचि थी।
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दत्ता जी राव से पिता पर दबाव डलवाने के लिए लेखक और उसकी माँ को एक झूठ का सहारा लेना पड़ा। यदि झूठ का सहारा न लेना पड़ता, तो आगे का घटनाक्रम क्या होता? अनुमान लगाएँ।
लेखक अपने पिता से पढ़ने जाने के लिए क्यों नहीं कह पाता था?
लेखक के पिता, लेखक से क्या चाहते थे? लेखक उनकी बात को क्यों नहीं मानता है?
लेखक के पिता जल्दी ईख पेरना क्यों चाहते हैं? लेखक का विचार इस संबंध में क्या है?
लेखक की माँ का उसके पिता के बारे में क्या सोचना था? उसकी माँ ने उसका साथ किस प्रकार दिया?
दत्ता जी राव के पास जाने के बाद लेखक की माँ ने उन्हें किस बात का विश्वास दिलाया?
लेखक ने दत्ताजी राव को किस बात का विश्वास दिलाया?
दत्ता जी राव के सामने लेखक के पिता ने उसकी पढ़ाई रोक देने के क्या कारण बताये हैं?
पड़ाने के लिए लेखक के पिता ने क्या-क्या शर्त रखी?
अथवा
दादा ने मन मारकर अपने बच्चे को स्कूल भेजने की बात मान तो ली, पर खेती-बड़ी के बारे में उससे क्या-क्या वचन लिए? ‘जूझ’ के आधार पर उत्तर दीजिए।
लेखक को मास्टर की छड़ी की मार अच्छी क्यों लगती है?
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