रजिया सज्जाद जहीर
साफिया और उसके भाई के विचारों में क्या अंतर था? ‘नमक’ पाठ के आधार पर बताइए।
साफिया हृदय प्रधान थी, उसका भाई विचार प्रधान।
साफिया के लिए इंसान से बढ्कर कुछ नहीं था जबकि भाई जिम्मेदारी को निभाने से बढ्कर कुछ नहीं मानता था।
साफिया को इंसानियत पर विश्वास था जबकि उसका भाई कस्टम अधिकारियों की जिम्मेदारी पर।
साफिया का भाई कोई भी गैर कानूनी काम करने में विश्वास नहीं रखता था। यही कारण है कि वह अपनी बहन साफिया को लाहौरी नमक भारत ले जाने से रोक रहा था। साफिया अपना वायदा निभाने को अधिक महत्त्व देती थी।
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साफिया के भाई ने नमक की पुड़िया ले जाने से क्यों मना कर दिया?
नमक की पुड़िया ले जाने के संबंध में साफिया के मन में क्या द्वंद्व था?
जब साफिया अमृतसर पुल पर चढ़ रही थी तो कस्टम ऑफिसर निचली सीढ़ी के पास सिर झुकाए चुपचाप क्यों खड़े थे?
नमक ले जाने के बारे में साफिया के मन में उठे द्वंद्वों के आधार पर उसकी चारित्रिक विशेषताओं को स्पष्ट कीजिए।
क्या सब कानून हकूमत के ही होते हैं, कुछ मुहब्बत, मुरौवत, आदमियत, इंसानियत के नहीं होते?
भावना के स्थान पर बुद्धि धीरे-धीरे हावी हो रही थी।
मुहब्बत तो कस्टम से इस तरह गुजर जाती है कि कानून हैरान रह जाता है।
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