रजिया सज्जाद जहीर
(क) हमारा वतन तो जी लाहौर ही है।
(ख) क्या सब कानून हुकूमत के ही होते हैं?
सामान्यत: ‘ही’ निपात का प्रयोग किसी बात पर बल देने के लिए किया जाता है। ऊपर दिए गए दोनों वाक्यों में ‘ही’ के प्रयोग से अर्थ में क्या परिवर्तन आया है? स्पष्ट कीजिए। ‘ही’ का प्रयोग करते हुए दोनों तरह के अर्थ वाले पाँच-पाँच वाक्य बनाइए।
(क) इसमें लाहौर पर बल है अर्थात् केवल लाहौर ही है।
(ख) यहाँ विरोधी अर्थ की प्रतीति होती है-सभी कानून हकूमत के ही नहीं होते।
पाँच-पाँच वाक्य
1. हमारा खाना तो दाल-रोटी ही है।
2. उसका घर तो उधर ही है।
3. मेरा जन्मस्थान बंगलूर ही है।
4. यह गीता की ही पुस्तक है।
5. उसकी कार काली ही है।
1. क्या तुम सब बातें मेरी ही मानते हो?
2. क्या रमेश अंग्रेजी ही पड़ता है?
3. क्या गेंद लड़के ही खेलते हैं?
4. क्या नृत्य में सभी लड़कियाँ ही भाग लेंगी?
5. क्या समाज के नियम प्रभावी होते ही नहीं?
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साफिया के भाई ने नमक की पुड़िया ले जाने से क्यों मना कर दिया?
नमक की पुड़िया ले जाने के संबंध में साफिया के मन में क्या द्वंद्व था?
जब साफिया अमृतसर पुल पर चढ़ रही थी तो कस्टम ऑफिसर निचली सीढ़ी के पास सिर झुकाए चुपचाप क्यों खड़े थे?
नमक ले जाने के बारे में साफिया के मन में उठे द्वंद्वों के आधार पर उसकी चारित्रिक विशेषताओं को स्पष्ट कीजिए।
क्या सब कानून हकूमत के ही होते हैं, कुछ मुहब्बत, मुरौवत, आदमियत, इंसानियत के नहीं होते?
भावना के स्थान पर बुद्धि धीरे-धीरे हावी हो रही थी।
मुहब्बत तो कस्टम से इस तरह गुजर जाती है कि कानून हैरान रह जाता है।
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