आत्मा का ताप
भगवद्गीता में क्या कहा गया है? लेखक बचपन को क्या मानता है? वह ऐसा क्यों सोचता है?
भगवद्गीता कहती है,’ जीवन में जो कुछ भी है, “तनाव के कारण है।” बचपन जीवन का पहला चरण, एक जागृति है। लेकिन मेरे जीवन का बंबई वाला दौर भी जागृति का नचरणही था। कई निजी मसले थे, जिन्हें सुलझाना था। मुझे आजीविका कमानी थी। मैं कहूँगा कि पैसा कमाना महत्वपूर्ण होता है, वैसे अंतत: वह महत्वपूर्ण नहीं ही होता। उत्तरदायित्व होते हैं, किराया देना होता है, फीस देनी होती है, अध्ययन करना होता है, काम करना होता है।
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रजा के पसंदीदा पफ्रेंचकलाकार कौन थे?
(क) किसने, किस संदर्भ में कही?
(ख) रजा पर इसक। क्य प्रभाव पडा?
रजा को जलील साहब जँसे लोगों का सहारा न मिला होता तो क्या तब भी वे एक जाने-माने चित्रकार होते? तर्क दीजिए।
राजा रवि वर्मा, ममकबूलफिदा हुसैन, अमृता शेरगिल के प्रसिद्ध चित्रों का एक अलबम बनाइए। सहायता के लिए इंटरनेट या किसी आर्ट गैलरी से संपर्क करें।
(क) जब तक मैं प्लेटफॉर्म पर पहुंची तब तक गाड़ी जा चुकी थी।
(ख) जब तक डॉक्टर हवेली पहुँचता तब तक सेठ जी की मृत्यु हो चुकी थी।
(ग) जब तक रोहित दरवाजा बंद करता तब तक उसके साथी होली का रंग लेकर अंदर आ चुके थे।
(घ) जब तक रुचि केनवास हटाती तब तक बारिश शुरू हो चुकी थी।
हाल, काफी, बाल
भगवद्गीता में क्या कहा गया है? लेखक बचपन को क्या मानता है? वह ऐसा क्यों सोचता है?
लेखक पढ़ाई में कैसा था? उसे नौकरी की आवश्यकता क्यों थीं?
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