आत्मा का ताप
बंबई में रहकर कला के अध्ययन के लिए रजा ने क्या-क्या संघर्ष किए?
बंबई में रहकर कला के अध्ययन के लिए रजा को बहुत संघर्ष करना पड़ा। वह वहाँ दिन भर ऑर्ट डिजाइनर की नौकरी करता था और सायं छह बजे के बाद अध्ययन के लिए मोहन आर्ट क्लब जाता था। वहाँ उसे रहने के लिए भी संघर्ष करना पड़ा। कई स्थान बदलने पड़े। उसने बड़े परिश्रमपूर्वक अध्ययन किया और काम में पूरी तरह डूब गया। उसे बॉम्बे दिसे सोसाइटी का स्वर्ण पदक भी मिला। लेखक का काम निरंतर निखरता चला गया। लोग उसके चित्र खरीदने लगे। अब उसके लिए नौकरी छोड्कर केवल अध्ययन में रू पाना संभव हो सका। 1947 में उसे जे. जे. स्कूल ऑफ ऑर्ट में नियमित छात्र के रूप में प्रवेश मिल ही गया। अब वह अपना खर्चा उठा सकने में समर्थ हो चुका था।
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रजा के पसंदीदा पफ्रेंचकलाकार कौन थे?
(क) किसने, किस संदर्भ में कही?
(ख) रजा पर इसक। क्य प्रभाव पडा?
रजा को जलील साहब जँसे लोगों का सहारा न मिला होता तो क्या तब भी वे एक जाने-माने चित्रकार होते? तर्क दीजिए।
राजा रवि वर्मा, ममकबूलफिदा हुसैन, अमृता शेरगिल के प्रसिद्ध चित्रों का एक अलबम बनाइए। सहायता के लिए इंटरनेट या किसी आर्ट गैलरी से संपर्क करें।
(क) जब तक मैं प्लेटफॉर्म पर पहुंची तब तक गाड़ी जा चुकी थी।
(ख) जब तक डॉक्टर हवेली पहुँचता तब तक सेठ जी की मृत्यु हो चुकी थी।
(ग) जब तक रोहित दरवाजा बंद करता तब तक उसके साथी होली का रंग लेकर अंदर आ चुके थे।
(घ) जब तक रुचि केनवास हटाती तब तक बारिश शुरू हो चुकी थी।
हाल, काफी, बाल
भगवद्गीता में क्या कहा गया है? लेखक बचपन को क्या मानता है? वह ऐसा क्यों सोचता है?
लेखक पढ़ाई में कैसा था? उसे नौकरी की आवश्यकता क्यों थीं?
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