निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिये: एक के नहीं, दो के नहीं, ढेर सारी नदियों के पानी का जादू: एक के नहीं, दो के नहीं, लाख-लाख कोटि-कोटि हाथों के स्पर्श की गरिमा: एक की नहीं, दो की नहीं, हज़ार-हज़ार खेतों की मिट्टी का गुण धर्म: फसल क्या है? और तो कुछ नहीं है वह नदियों के पानी का जादू है वह हाथों के स्पर्श की महिमा है भूरी-काली-संदली मिट्टी का गुण धर्म है रूपांतर है सूरज की किरणों का सिमटा हुआ संकोच है हवा का थिरकन का! मिट्टी के लिए ‘संदली’ शब्द का प्रयोग क्यों किया जाता है?
Answer
Short Answer
‘संदल’ का अर्थ है ‘चंदन’। मिट्टी में सदा सोंधी-सोंधी-सी गंध होती है। कवि ने मिट्टी की इसी विशेषता को प्रकट करने के लिए ‘संदली’ शब्द का प्रयोग किया है।
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