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नागार्जुन - यह दंतुरित मुसकान

Question
CBSEENHN10001747

बच्चे से कवि की मुलाकात का जो शब्द-चित्र उपस्थित हुआ है उसे अपने शब्दों में लिखिए।

Solution
कितना सुंदर है वह बच्चा। छोटा-सा है, एक साल से भी छोटा होगा। कमल के फूल के समान उसका मोहक चेहरा है। मिट्‌टी में खेलता है, इधर-उधर कच्चे गन में रेंगता रहता है। सारे शरीर पर धूल लगी हुई है। कवि लंबे समय के बाद पर लौटा है। अपनी बच्चे के बारे में उसे अपनी पत्नी से पता लगा है। वह भाव-विभोर है। एक टक उस बच्चे की ओर निहार रहा है। वह उसकी मोहक ‘दंतुरित मुसकान’ पर तो मंत्र-मुग्ध है। बच्चा उसे पहचानना चाहता है पर पहचान नहीं पाता-छोटा है न, शायद उसने उन्हें पहली बार देखा है, वह कनखियों को अनजाने से अतिथि को देखता है पर क्रोध करता नहीं है-बस मुसकराता है। कवि को लगता है कि इस बच्चे की मुसकान तो पत्थर को भी पिघला देने की क्षमता रखती है। कठोर-से-कठोर व्यक्ति भी इसकी मोहक मुसकान पर मर मिट सकता है।

Some More Questions From नागार्जुन - यह दंतुरित मुसकान Chapter

आप जब भी किसी बच्चे से पहली बार मिलें तो उसके हाव-भाव, व्यवहार आदि को सूक्ष्मता से देखिए और उस अनुभव को कविता या अनुच्छेद के रूप में लिखिए।

कवि के अनुसार फसल क्या है?

कविता में फसल उपजाने के लिए आवश्यक तत्वों की बात कही गई है। बे आवश्यक तत्त्व कौन-कौन से हैं?

फसल को ‘हाथों से स्पर्श की गरिमा’ और ‘महिमा’ कहकर क्या व्यक्त करना चाहता है?

भाव स्पष्ट कीजिए-
रूपांतर है सूरज की किरणों का
सिमटा हुआ संकोच है हवा की थिरकन का!

कवि ने फसल को हजार-हजार खेतों की मिट्‌टी का गुण-धर्म कहा है-
मिट्‌टी के गुण-धर्म को आप किस तरह परिभाषित करेंगे?

कवि ने फसल को हजार-हजार खेतों की मिट्‌टी का गुण-धर्म कहा है-
वर्तमान जीवन शैली मिट्‌टी के गुण-धर्म को किस-किस तरह प्रभावित करती है?

मिट्‌टी द्वारा अपना गुण-धर्म छोड़ने की स्थिति में क्या किसी भी प्रकार के जीवन की कल्पना की जा सकती है?

मिट्‌टी के गुण-धर्म को पोषित करने में हमारी क्या भूमिका हो सकती है? 

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