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नागार्जुन - यह दंतुरित मुसकान

Question
CBSEENHN10001751

फसल को ‘हाथों से स्पर्श की गरिमा’ और ‘महिमा’ कहकर क्या व्यक्त करना चाहता है?

Solution
कवि ने लाखों-करोड़ों लोगों के द्वारा किए जाने वाले परिश्रम और उनकी एक निष्ठ लग्न के लिए ‘हाथो के स्पर्श की गरिमा’ और ‘महिमा’ कहा है। फसल उत्पन्न करना किसी एक व्यक्ति का काम नहीं है। न जाने कितने दिन -रात मेहनत करके इसे उगाने का गौरव प्राप्त करते हैं।

Some More Questions From नागार्जुन - यह दंतुरित मुसकान Chapter

बच्चे की मुसकान और एक बड़े व्यक्ति की मुसकान में क्या अंतर है?

कवि ने बच्चे की मुसकान के सौंदर्य को किन-किन बिंबों के माध्यम से व्यक्त किया है?

भाव स्पष्ट कीजिए-
छोड़कर तालाब मेरी झोंपड़ी में खिल रहे जलजात।

भाव स्पष्ट कीजिए-
छू गया तुम से कि झरने लग पड़े शेफालिका के फूल 
बाँस था कि बबूल?

मुसकान और क्रोध भिन्न-भिन्न भाव हैं। इसकी उपस्थिति से बने वातावरण की भिन्नता का चित्रण कीजिये

बच्चे से कवि की मुलाकात का जो शब्द-चित्र उपस्थित हुआ है उसे अपने शब्दों में लिखिए।

आप जब भी किसी बच्चे से पहली बार मिलें तो उसके हाव-भाव, व्यवहार आदि को सूक्ष्मता से देखिए और उस अनुभव को कविता या अनुच्छेद के रूप में लिखिए।

कवि के अनुसार फसल क्या है?

कविता में फसल उपजाने के लिए आवश्यक तत्वों की बात कही गई है। बे आवश्यक तत्त्व कौन-कौन से हैं?

फसल को ‘हाथों से स्पर्श की गरिमा’ और ‘महिमा’ कहकर क्या व्यक्त करना चाहता है?