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नागार्जुन - यह दंतुरित मुसकान

Question
CBSEENHN10001743

कवि ने बच्चे की मुसकान के सौंदर्य को किन-किन बिंबों के माध्यम से व्यक्त किया है?

Solution
कवि ने बच्चे की मुसकान से चाक्षुक और मानस बिंबों की सुंदर सृष्टि की है। छोटे-छोटे दाँतों से युक्त उसकी मुसकान किसी मृतक को भी पुन: जीवन देने की क्षमता रखती है। उसका धूल-धूसरित शरीर के अंग तो कमल के सुंदर फूल के समान प्रतीत होते हैं। पत्थर भी मानो उसके स्पर्श को पा कर जल के रूप को पा गए होंगे। चाहे कोई कितना भी कठोर क्यों न रहा हो, बाँस या बबूल के समान ही उसका रूप क्यों न हो पर वे सब उसे छू कर शेफालिका के फूलों के समान कोमल हो गया होगा।

Some More Questions From नागार्जुन - यह दंतुरित मुसकान Chapter

भाव स्पष्ट कीजिए-
छोड़कर तालाब मेरी झोंपड़ी में खिल रहे जलजात।

भाव स्पष्ट कीजिए-
छू गया तुम से कि झरने लग पड़े शेफालिका के फूल 
बाँस था कि बबूल?

मुसकान और क्रोध भिन्न-भिन्न भाव हैं। इसकी उपस्थिति से बने वातावरण की भिन्नता का चित्रण कीजिये

बच्चे से कवि की मुलाकात का जो शब्द-चित्र उपस्थित हुआ है उसे अपने शब्दों में लिखिए।

आप जब भी किसी बच्चे से पहली बार मिलें तो उसके हाव-भाव, व्यवहार आदि को सूक्ष्मता से देखिए और उस अनुभव को कविता या अनुच्छेद के रूप में लिखिए।

कवि के अनुसार फसल क्या है?

कविता में फसल उपजाने के लिए आवश्यक तत्वों की बात कही गई है। बे आवश्यक तत्त्व कौन-कौन से हैं?

फसल को ‘हाथों से स्पर्श की गरिमा’ और ‘महिमा’ कहकर क्या व्यक्त करना चाहता है?

भाव स्पष्ट कीजिए-
रूपांतर है सूरज की किरणों का
सिमटा हुआ संकोच है हवा की थिरकन का!

कवि ने फसल को हजार-हजार खेतों की मिट्‌टी का गुण-धर्म कहा है-
मिट्‌टी के गुण-धर्म को आप किस तरह परिभाषित करेंगे?