निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये तुम्हारी यह दंतुरित मुसकान मृतक में भी डाल देगी जान धूलि-धूसर तुम्हारे ये गात.... छोड़कर तालाब मेरी झोंपड़ी में खिल रहे जलजात परस पाकर तुम्हारा ही प्राण, पिघलकर जल बन गया होगा कठिन पाषाण छू गया तुमसे कि झरने लग पड़े शेफालिका के फूल बांस था कि बबूल? तुम मुझे पाए नहीं पहचान? देखते ही रहोगे अनिमेष! थक गए हो? आंख लूं मैं फेर? क्या हुआ यदि हो सके परिचित न पहली बार?
अवतरण में निहित भावार्थ स्पष्ट कीजिए।
Answer
Short Answer
कवि अपने बच्चे को काफी लंबे समय के बाद मिला और उसके मुँह में को छोटे-छोटे दाँतों को देख अति प्रसन्न हो उठा था। उसे यह प्रतीत हुआ था कि उसकी मुसकान में अपार सुंदरता छिपी हुई थी।
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