अग्नि पथ - हरिवंश राय बच्चन
संघर्ष का नाम ही जीवन है। मनुष्य को निरन्तर संघर्ष करते हुए आगे बढ़ते रहना चाहिए मनुष्य कर्मठतापूर्वक बिना थकान महसूस किए यदि लगातार आगे बढ़ता रहता है तो निश्चित रूप से वह अपना लक्ष्य पा ही लेता है। सफलता उसी के कदम चूमती है जो स्वयं अपने परिश्रम से अपना राह बनाता है फूलों की छाँह में खेलने वालों के लिए जिन्दगी के असली मजे नहीं है। चाँदनी रात की शीतलता को वहीं अनुभव कर पाता है जो मीलों की यात्रा करके थकान अनुभव कर रहा हो। इसलिए कामना का चल छोटा नहीं करना चाहिए,’ रस की निर्झरी मनुष्य के बहाए भी बह सकती है, मात्र कर्मठता की आवश्यकता है।
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