आपकी दादी-नानी किस तरह के विश्वासों की बात करती हैं? ऐसी स्थिति में उनके प्रति आपका रवैया क्या होता है? लिखिए।
हमारी दादी-नानी तरह-तरह के अंधविश्वासों की बात करती हैं। वे शनिवार को तेल दान करती हैं। सप्ताह में दो-तीन व्रत रखती हैं। वे हर बात में भगवान की मूर्ति के सम्मुख खड़ी होकर प्रार्थना करने लगती हैं। वे पूजा-पाठ, तीर्थयात्रा में भी विश्वास करती हैं।
इन स्थिति में उनके प्रति मेरा रवैया ज्यादा ध्यान न देने का होता है। मेरे मन में तो इन सब बातों के लिए विरोध का भाव होता है, पा मैं दादी-नानी की भावनाओं को ठेस नहीं पहुँचाना चाहता अत चुप होकर रह जाता हूँ। मैं उनकी पूजा-पाठ में दखल नहीं देता।