पानी का संकट वर्तमान स्थिति में भी बहुत गहराया हुआ है। इसी तरह के पर्यावरण से संबद्ध अन्य संकटों के बारे में लिखिए।
पानी का संकट तो है ही इसके साथ पर्यावरण प्रदूषण का सकट भी गहराता चला जा रहा है। हमारा पर्यावरण विषैली गैसों से भरा हुआ है। साँस लेने तक के लिए स्वच्छ वायु उपलब्ध नही है। अंधाधुंध बढ़ते वाहन पर्यावरण में विषैली गैसें छोड़ रहे हैं। कल-कारखानों का धुआँ भी पर्यावरण के संकट को बढ़ा रहा है। वृक्षों की संख्या में निरंतर गिरावट आ रही है। पर्यावरण का दूसरा संकट धनि-प्रदूषण का है। कारखानों, वाहनो तथा कानफोडू संगीत ने वातावरण मे इतना शोर भर दिया है कि बहरेपन की स्थिति उत्पन्न हो गई है।