इस अध्याय में वर्चस्व के तीन अर्थ बताए गए हैं। प्रत्येक का एक-एक उदाहरण बतायें। ये उदाहरण इस अध्याय में बताए गए उदाहरणों से अलग होने चाहिए।
राजनीति एक ऐसी कहानी है जो शक्ति के इर्द-गिर्द घूमती है। किसी भी आम आदमी की तरह हर समूह भी ताकत पाना और कायम रखना चाहता है। विश्व राजनीति में भी विभिन्न देश या देशों के समूह ताकत पाने और कायम रखने की लगातार कोशिश करते हैं।
अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति में जब एक राष्ट्र शक्तिशाली बन जाता है और दूसरे राष्ट्रों पर अपना प्रभाव जमाने लगता है, तो उसे एकध्रुवीय व्यवस्था कहते हैं, लेकिन इस शब्द का यहाँ प्रयोग करना सर्वथा गलत हैं, क्योंकि इसी को 'वर्चस्व' के नाम से भी जाना जाता है अर्थात् दूसरे शब्दों में हम यह कह सकते हैं कि विश्व राजनीति में एक देश का अन्य देशों पर प्रभाव होना ही 'वर्चस्व' कहलाता है।
सैन्य वर्चस्व: अमरीका की मौजूदा ताकत की रीढ़ उसकी बड़ी-चढ़ी सैन्य शक्ति है। आज अमरीका की सैन्य शक्ति अपने आप में अनूठी है और बाकी देशों की तुलना में बेजोड। अनूठी इस अर्थ में कि आज अमरीका अपनी सैन्य क्षमता के बूते पूरी दुनिया में कहीं भी निशाना साध सकता है। उदहारण के तौर पर, इराक पर हमला, 2011 को अमेरिका में हुए आतंकी हमले के बाद अफ़ग़ानिस्तान के अलकायदा के ठिकानों पर हमला करने के लिए पाकिस्तान में सैन्य हवाई अड्डों का प्रयोग अमेरिकी वर्चस्व की ही उदहारण है जो आज तक भी अमेरिकी नियंत्रण में ही है।
ढाँचागत ताकत के रूप में वर्चस्व: वर्चस्व का यह अर्थ, इसके पहले अर्थ में बहुत अलग है। ढाँचागत वर्चस्व का अर्थ हैं वैश्विक अर्थव्यवस्था में अपनी मर्जी चलाना तथा अपने उपयोग की चीजों को बनाना व बनाए रखना। अनेक ऐसे उदाहरण हैं जो यह स्पष्ट करते हैं कि अमरीका का ढाँचागत क्षेत्र में भी वर्चस्व कायम है; जैसे छोटे-छोटे देशों के ऋणों में कटौती तथा उन पर अपनी बात मनवाने के लिए दबाव बनाना आदि। अमरीका उसकी बात न मानने वाले देशों पर अनेक प्रकार के प्रतिबंध लगाने में भी कामयाब रहता है।
सांस्कृतिक वर्चस्व: वर्चस्व का एक महत्वपूर्ण पक्ष सांस्कृतिक पक्ष भी है। आज विश्व में अमरीका का दबदबा सिर्फ सैन्य शक्ति और आर्थिक बढ़त के बूते ही नहीं बल्कि अमरीका की सांस्कृतिक मौजूदगी भी इसका एक कारण है। अमरीकी संस्कृति बड़ी लुभावनी है और इसी कारण सबसे ज्यादा ताकतवर है। वर्चस्व का यह सांस्कृतिक पहलू है जहाँ जोर-जबर्दस्ती से नहीं बल्कि रजामंदी से बात मनवायी जाती है। समय गुजरने के साथ हम उसके इतने अभ्यस्त हो गए हैं कि अब हम इसे इतना ही सहज मानते हैं जितना अपने आस-पास के पेडू-पक्षी या नदी को। जैसे भारतीय समाज में विचार एवं कार्यशैली की दृष्टि से बढ़ता खुलापन अमरीकी सांस्कृतिक प्रभाव के रूप में देखा जा सकता है।